अगर कोई आपसे नाराज है या क्रोधित है तो ये आपकी जिम्मेदारी है कि आप उस इंसान को मनायेँ । ये सोचकर चुप रहना कि वक्त सब सही कर देगा एक बहुत बडी भूल है बल्कि कुछ गलतफहमियाँ ऐसी होती हैँ जो वक्त के साथ रिश्तों मेँ और तनाव पैदा करती हैं । इसलिये खामोशी किसी समस्या का हल नहीं है । जब तक आप असल मुद्दे पे बात नहीं करेंगे जब तक आप बात करने की हिम्मत या कोशिश नहीं करेंगे बात नहीं बनेगी । आप दूसरोँ के जरिये नहीं बल्कि खुद व्यक्तिगत रूप से प्रयास कीजिये क्योंकि रिश्तों में सिफारिश नहीं चलती इसमे सिर्फ भावनाओं की कद्र होती है ।
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जीवन के आधारभूत सत्य
Espiritualहर इंसान के जीवन में ऐसा समय जरूर आता है जब उसे समझ में नहीं आता कि वो क्या करे और क्या न करे या किधर जाये किधर न जाये ऐसे में कुछ आधारभूत सत्य उसका मार्गदर्शन कर सकते है ।