दुनिया मे कोई भी इंसान सर्वगुणसम्पन्न नहीं होता है।
कोई कितना भी बुद्धिमान क्यों न हो गलतियां कर ही देता है।कभी कभी एक गलती छुपाने के लिए हम बहुत सारी गलतियां कर जाते है वो भी सिर्फ इसलिए कि हम गलती स्वीकार करने की हिम्मत नहीं जुटा पाते या गलती स्वीकार करने मे खुद को छोटा या बेइज्जत महसूस करते हैं औऱ इसी एक भूल को छुपाने के चक्कर मे न जाने कितनी गलतियां कर जाते हैं। इसलिए जरूरी है कि हममें अपनी गलती मानने की हिम्मत होनी चाहिए।
याद रखिए भूल स्वीकार करने वाला इंसान कभी छोटा नहीं होता ।
भूल किसी से भी हो सकती है।
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जीवन के आधारभूत सत्य
Espiritualहर इंसान के जीवन में ऐसा समय जरूर आता है जब उसे समझ में नहीं आता कि वो क्या करे और क्या न करे या किधर जाये किधर न जाये ऐसे में कुछ आधारभूत सत्य उसका मार्गदर्शन कर सकते है ।