संघर्ष और समस्यायें जीवन का हिस्सा हैं। इनको जीवन से अलग नहीं किया जा सकता चाहे वह एक मानव का जीवन हो या किसी पशु पक्षी या वृक्ष का।
इसलिए समस्याओं से घबराकर अपना जीवन नष्ट कर लेना ये एक बहुत बडी कायरता है।
और यह आत्महत्या की विशेषता केवल मानव में ही पायी जाती है क्योंकि कभी आपने किसी पशु या वृक्ष को आत्महत्या करते नहीं देखा होगा ।
तो कहने का मतलब ये है कि क्या इंसान पशुओं से भी निम्न सोच और कम धैर्य रखता है ?
मैं तो कहूंगा नहीं हम पशुओं से निम्न सोच वाले नहीं बल्कि उच्च सोच वाले हैं।
इसलिए हे जीवन से ऊबकर भागने वालों जीवन को समझो ,जीवन के लिए लडो,जीवन जीने के लिए है इसे जिओ इसे व्यर्थ में नष्ट मत करो क्योंकि
जीवन अमूल्य है।
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जीवन के आधारभूत सत्य
Spiritualeहर इंसान के जीवन में ऐसा समय जरूर आता है जब उसे समझ में नहीं आता कि वो क्या करे और क्या न करे या किधर जाये किधर न जाये ऐसे में कुछ आधारभूत सत्य उसका मार्गदर्शन कर सकते है ।