चाहे पढाई लिखाई की बात हो या नौकरी या धन्धे की अपने बच्चों को कभी ये नहीं कहना चाहिए कि तुम कुछ नहीं कर सकते या तुम्हारे बस का नहीं है क्योंकि माँ बाप ही बच्चों की ताकत होते है।
उन्हें सबसे ज्यादा तकलीफ तभी होती है जब माँ बाप उनपर यकीन नहीं करते।
कितने बच्चे तो ऐसे ही होते है जिनमे काबिलियत तो होती है पर उन्हें किसी का सहारा नहीं मिल पाता माँ बाप को यकीन नहीं होता उन पर औऱ वे हालात से समझौता करके अपनी काबिलियत को अन्दर ही अन्दर दबा के रखते हैं।
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जीवन के आधारभूत सत्य
Spiritualहर इंसान के जीवन में ऐसा समय जरूर आता है जब उसे समझ में नहीं आता कि वो क्या करे और क्या न करे या किधर जाये किधर न जाये ऐसे में कुछ आधारभूत सत्य उसका मार्गदर्शन कर सकते है ।