आपको याद रखना होगा कि क्रोध स्वयं आपको हानि पहुँचाता है।
क्रोध या गुस्से में आपके मुँह से ऐसी भी बातें निकल जाती हैं जो आप के अपनों को बुरी लग सकती है वो आप से नाराज हो सकते हैं ,लोगों की नजरों में आपकी छवि खराब हो सकती है इसलिए जहाँ तक हो सके खुद को क्रोध को दूर रखने की कोशिश करें।
फिर भी अगर आपसे आपके दोस्त या परिवार का कोई सदस्य खुश नहीं है तो उससे बातचीत जारी रखनी चाहिए क्योंकि अगर आपने बातचीत बन्द कर दी तो आप कभी जान नहीं पायेंगे कि फला इंसान हमसे नाराज क्यों है?
अपनों को मनाने के लिए थोडा झुकना भी पडे तो झुक जाना चाहिए ।झुकने से आपकी छवि खराब नहीं होगी क्योंकि पेड वही झुकता है जिसपे फल अधिक होते हैं।
रिश्तों में अहम की भावना ही नहीं होनी चाहिए।कभी भी ये बिचार मन में नहीं आना चाहिए कि फला इंसान मुझसे बात नहीं कर रहा मैं क्यों करूँ या मैं ही बात पहले क्यों करुँ । ?इस पहले पहले के चक्कर में रिश्तों में जो दरार होती है वह और भी चौडी होती जाती है ।
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जीवन के आधारभूत सत्य
Spiritualहर इंसान के जीवन में ऐसा समय जरूर आता है जब उसे समझ में नहीं आता कि वो क्या करे और क्या न करे या किधर जाये किधर न जाये ऐसे में कुछ आधारभूत सत्य उसका मार्गदर्शन कर सकते है ।