दुनिया में शायद ही ऐसा कोई इंसान हो जो दुखी न हो। दुख इस दुनिया की वह सच्चाई जिससे हर किसी को रूबरू होना ही पडता है। जो दुख को सहने की क्षमता रखते हैं वही सुख की दुनिया तक पहुँच पाते हैं और जो इसे नही सह पाते वे जिन्दगी से रिश्ता तोड लेते हैं। प्यारे दोस्तों सुख और दुख ही जीवन के आधार हैं। इन दोनों में से अगर एक भी अलग हो जाए तो जीवन अर्थहीन हो जाएगा। इसलिए दुख से घबराने की जरूरत नही है बल्कि लडने की जरूरत है। याद रखिए न तो दुख ही जीवन में हमेशा के लिए होता है और न ही सुख। अगर आज आप सुखी हैं तो घमण्ड मत कीजिए बल्कि लोगों से प्रेम व्यवहार बना कर रखिए ताकि जब भी आप पर कोई दुख आए तो लोग आपकी मदद को आगे आएं। यदि आप दुखी हैं तो भी घबराने की जरूरत नही है क्योंकि दुख भी स्थायी नही है। जिस तरह से हर रात के बाद सुबह आती है उसी तरह हर दुख के बाद इंसान के जीवन में सुख जरूर आता है।
आप पढ़ रहे हैं
जीवन के आधारभूत सत्य
Spiritualहर इंसान के जीवन में ऐसा समय जरूर आता है जब उसे समझ में नहीं आता कि वो क्या करे और क्या न करे या किधर जाये किधर न जाये ऐसे में कुछ आधारभूत सत्य उसका मार्गदर्शन कर सकते है ।