हमने बहुत से ऐसे लोगों को देखा है जो हरदम किसी न किसी की बुराई ही करते रहते हैं। उनको पता नही होता है कि दूसरों की बुराई करना खुद ही बहुत बडी बुराई है। हाँ, अगर किसी की बुराई करनी ही है तो उस इंसान के सामने ही करें जिसकी कि आप बुराई कर रहे हैं। यह एक हिम्मत दिखाने वाली बात होती है।जबकि किसी की पीठ पीछे बुराई करना एक डरपोक की निशानी है। तो आप खुद बताइए क्या आप खुद को डरपोक कहलाना पसन्द करेंगे? आपका जवाब होगा 'बिल्कुल नहीं '।
प्रिय साथियों, सच तो यह है कि इंसान को बुराई दूसरों के अन्दर नहीं बल्कि खुद अपने अन्दर खोजनी चाहिए। जो इंसान अपने अन्दर की कमियों को जान जाएगा वह कभी भी दूसरों के बारे में बुरा नही कहेगा। इसलिए अपने अन्दर की कमियों को पहचानने की कोशिश कीजिए क्योंकि दूसरों की बुराई करके किसी को कुछ हासिल नहीं होता सिर्फ समय बर्बाद होता है।
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जीवन के आधारभूत सत्य
Spiritualitéहर इंसान के जीवन में ऐसा समय जरूर आता है जब उसे समझ में नहीं आता कि वो क्या करे और क्या न करे या किधर जाये किधर न जाये ऐसे में कुछ आधारभूत सत्य उसका मार्गदर्शन कर सकते है ।