मैंने कुछ लोगों को देखा है जिन्हें दूसरों को दुख देने में बहुत मजा आता है। वो दूसरों के दुख या तकलीफ देने को ही अपना सुख समझते हैं । ऐसे लोग जब तक दिन भर में दो चार लोगों को रुला ना दें या कोई टेंशन ना दे दें उन्हें चैन नहीं मिलता या यूँ कहें कि उनका मनोरंजन नहीं हो पाता।
ऐसे लोगों को शायद ये पता नहीं होता कि ये जो तकलीफ या दुख वो दूसरों को दे रहे हैं वह एक तरह का जीवन में किया गया सुखों या दुखों का निवेश है जो एक ना एक दिन उन्हें वापस मिलेगा वो भी
ब्याज सहित।तो
चुँकि हर इंसान जीवन में खुशियाँ और सुख चाहता है इसलिए इंसान को खुशियाँ ही बाँटनी चाहिए दुख,अवसाद या तकलीफ नहीं।
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जीवन के आधारभूत सत्य
Spiritualहर इंसान के जीवन में ऐसा समय जरूर आता है जब उसे समझ में नहीं आता कि वो क्या करे और क्या न करे या किधर जाये किधर न जाये ऐसे में कुछ आधारभूत सत्य उसका मार्गदर्शन कर सकते है ।