कहानियाँ

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सोया कई रात, कहानियाँ सुनते हुए,
जागा कई रात, कहानियाँ बुनते हुए।
सोया कई रात, कहानियाँ पढ़ते हुए,
जागा कई रात, कहानियाँ गढ़ते हुए।

अक्सर मुझे सुलाती हैं कहानियाँ,
कभी कभी मुझको रुलाती हैं कहानियाँ।
गया जब भी मैं, दूर इन कहानियों से,
फिर से वापस, बुलाती हैं कहानियाँ।

एक कविताजहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें