केसरी सफ़ेद और हरा
हर रंग है डरा डरा
कब तक लड़ोगे यूँ तुम
पूछ रही है ये धराभारत माँ कह रही
सुनो तो बेटों जरा
किसी का भी खून बहे
बेटा तो मेरा मराआँखों में था जो भरा
आज वो आँसू झरा
देखूँ मैं किसका आसरा
कोई नहीं है खराकेशरी सफ़ेद और हरा
हर रंग है डरा डरा
कब तक लड़ोगे यूँ तुम
पूछ रही है ये धरा