आह बेटी, वाह बेटी

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खोज रही है राह बेटी
कहाँ ले पनाह बेटी
किसका है गुनाह बेटी
उत्सुक हर निगाह बेटी

प्रेम है अथाह बेटी
मन्नत ए दरगाह बेटी
देते सब सलाह बेटी
पर किसी को न परवाह  बेटी

बन गयी है दाह बेटी
किसी  की न चाह  बेटी
अब न और  कराह बेटी
आह बेटी,  वाह बेटी।

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