मन नहीं है

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आज कुछ लिखने पढ़ने का मन नहीं है
जाने क्यों कलम पकड़ने का मन नहीं है
बंद कर लूँ खिड़की दरवाजे दिमाग के
और छुप जाऊँ किसी कोने में भाग के
शब्दों और विचारों से झगड़ने का मन नहीं है
आज कुछ लिखने पढ़ने का मन नहीं है।

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