खेलते, कूदते, भागते बच्चे, अच्छे लगते हैं,
कभी कभी हम भी बच्चों में बच्चे लगते हैं।दुनिया की सच्चाई हमको झूठी लगती है,
बचपन की परियों के किस्से सच्चे लगते हैं।जिन खेलों को खेल खेल कर हमने काटा बचपन,
अब बच्चों के सामने हम तो कच्चे लगते हैं।#अनूप