चरित्र

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किस्से, कहानियों, किताबों की बातें
कई चेहरे,  और नकाबों की बातें
टूटे सपनों, बिखरे ख्वाबों की  बातें
काँटों से घायल गुलाबों की बातें

पिता से पीड़ित होती रही बेटी
एक माँ जो बेटे के बिस्तर में लेटी
हुआ होगा ऐसा कहीं तो, कभी तो
लिखी गयी होंगी कहानियाँ तभी तो

मैं नहीं कहता ये किताबें झूठ बोलती हैं
मगर दिल ओ दिमाग में जहर घोलती हैं

पढ़ना ही है तो कुछ अच्छा पढ़ो तुम
मानवता की ऊंचाइयों में चढ़ो तुम
राम सा आदर्श और सीता सा पवित्र हो
ऐसे चरित्रों की कहानी गढ़ो तुम

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