आजादी

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आजादी हो गयी है बुढ़ी, उम्र हो गयी साठ
आज के बच्चे कैसे समझें, देशभक्ति का पाठ

न कोई बापू, न चाचा, न इंक़लाब का नारा
अब तो युवाओं को भाये, ऐश सुस्मिता लारा

अंग्रेजों ने भारत छोड़ा, अब हम भारत छोड़े
डॉलर डॉलर रट लगाकर, अमेरिका को दौड़े

कौन बहाये देश की खातिर, अपना खून पसीना
खुद को एन आर आई कहते, तान के अपना सीना

वंदे मातरम् भूल गए हम, गायें तेरा शुरूर
जाने किस आजादी की खातिर, इतना करें गुरुर

देश को जकड़े हुए है, गरीबी भ्रष्टाचार
आजादी का फिर भी मनाएँ आज हम त्यौहार।

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