जल-थल

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थल में जल, जल में थल
हो रहा उथल पुथल
धरती की पुकार पे
रो रहे हैं बादल।

स्मार्ट होते नगर में
जीवन नहीं सरल
अमृत मिले नेताओं को
जनता पिए गरल।

जल रहा था मरु सा जो
अब वहाँ भरा है जल
समस्या पहले भी थी
अब भी नहीं है कोई हल।

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