जाने वो क्या भाँप रही, जाने वो क्यूँ काँप रही,
सहम जाती है क्यूँ वो, हर अजनबी निगाह से,
जब भी वो गुजरती है, किसी सुनसान राह से.
उनकी करतूतों की वजह से, आज हर पुरुष शर्मिंदा है,
क्यूंकी भयभीत "निर्भया", हर स्त्री के अंदर जिंदा है...
रेप- २
जाने वो क्या भाँप रही, जाने वो क्यूँ काँप रही,
सहम जाती है क्यूँ वो, हर अजनबी निगाह से,
जब भी वो गुजरती है, किसी सुनसान राह से.
उनकी करतूतों की वजह से, आज हर पुरुष शर्मिंदा है,
क्यूंकी भयभीत "निर्भया", हर स्त्री के अंदर जिंदा है...