मेरे हिस्से की दीवाली, तुम मना लेना २
खड़ा हूँ जब तक मैं बॉर्डर में
मने दीवाली हर एक घर में
मेरी ओर से एक दीप, तुम जला लेना २
मेरे हिस्से की...गोली चलाते, गोली ही खाते
लड्डू पेड़े, अब नहीं भाते
मेरे नाम की मिठाई, तुम खा लेना २
मेरे हिस्से की...है जिस से लड़ाई, वो अपना ही भाई
जाने कब तक भरेगी, ये बीच की खाई
किसी दुश्मन को तुम गले से लगा लेना २
मेरे हिस्से की...पूजनीय है ,माटी अपने देश की,
बनती इसी से, मूर्ति लक्ष्मी गणेश की,
इस माटी से तिलक तुम लगा लेना २
मेरे हिस्से की...चाहे हो गर्मी, या फिर सर्दी,
हमें बचाती, अपनी ये वर्दी
अपने लिए नए कपडे बनवा लेना २
मेरे हिस्से की...सुनो कभी आ के, सीमा पे धमाके
फीके लगेंगे, तुम्हे पटाखे
बच्चों के संग फुलझड़ी जला लेना २
मेरे हिस्से की...मार के आऊँ, या मर मैं जाउँ
जिस हाल में भी, घर मैं आऊँ
कंधे पे मुझको एक बार उठा लेना २
मेरे हिस्से की...