हैलो दोस्तों, आज मैंने सही समय पर नया भाग प्रकाशित किया है। और मुझे उम्मीद है कि आपको आजका भाग पसंदआएगा। मैंने दिल लगाकर इस चैप्टर को लिखा है। लेकिन फिर भी अगर कोई कमी हो तो प्लीज़ संभाल लेना। और अपने कमाल के एक्स्पीरियंस इस चैप्टर के कॉमेंट बॉक्स में ज़रूर साझा करिएगा।
साथ ही मैं छुपेरुस्त पाठक को भी धन्यवाद करती हूं जो बिना भूले मेरी कहानी पढ़ रहे है। लेकिन अगर आप यूंही गुमशुदा रह जाएंगे तो मुझे अच्छा नहीं लगेगा। इसलिए प्लीज़ इस कहानी को अच्छी रेटिंग दे और अपनी खुशी तथा अनुभव ज़ाहिर करे। इस असंभव सी यात्रा का हिस्सा बने। एक लेखक काफ़ी मेहनत और लगन के साथ कोई कहानी लिखता है। और आपको उसकी कहानी पसंद आती है फिर भी अगर आप उसके साथ अपनी खुशी साझा नहीं करेंगे तो ये कितनी असंवेदनशील बात होगी। मेरे लिए आपके वोट और कॉमेंट कीमती रहेंगे। इसलिए अपनी खुशी साझा करना बिलकुल न भूले।
आपकी, बि. तळेकर ♥️
•°•°•°•°•°•°•°•°•°•°•°•°•°•°•°•°कहानी अब तक: सावधानी बरतने के बावजूद न चाहते हुए भी, "वादा..." मेरे मुंह से वो शब्द धीमी आवाज़ में निकल गया।
उसी समय मेरा जवाब सुनते ही उस बच्ची ने काफ़ी रहस्यमय ढंग से अपनी गूढ़ नज़रे से मेरी और देखा। और उसके होठों पर असाधारण मुस्कान फैल गई।°°°°°°°°°°°°°°°
अब आगे...बुधवार सुबह 2:30 बजे।
अपने काम को पूरा करने की जल्दबाज़ी में पलक अपनी फाईल और एक हाथ में पेन लिए वहीं सोफा पर बैठे-बैठे ही सो चुकी थी। मगर इतनी थकान में उसे सोते देखकर मैंने उसे जगाना ठीक नहीं समझा। इसलिए उसे अपनी बाहों में उठाकर उसके कमरे तक ले गया। और उसे उसके बिस्तर पर लेटाकर ख़ुद भी वहीं उसके सामने बैठा रहा।
मैं वहीं बिस्तर से थोड़ी दूरी पर पलक के सामने खुर्शी पर बैठा था और मेरी नज़रे पलक के प्यारे से चेहरे पर ठहरी थी। उसके चेहरे पर किसी बात को लेकर तनाव था, मगर साथ ही उसके चेहरे पर एक सुकून था। इस भूतिया महल में मेरी जैसी एक रूह के साथ रहते हुए भी वो बेफिक्र होकर सो रही थी। जिससे ये ज़ाहिर था कि उसे कोई डर या खौफ नहीं था। बल्कि उसे मुझ पर पूरा भरोसा था। जिसका एहसास मेरे होठों पर हल्की मुस्कान ले आया।
आप पढ़ रहे हैं
Asmbhav - The Mystery of Unknown Love (1St Edition) #YourStoryIndia
Paranormal#1 in Paranormal #1 in Ghost #1 in Indian Author #1 in Thriller #WattpadIndiaAwards2019 #RisingStarAward 2017 ये कहानी 'प्यार की ये एक कहानी' से प्रेरित ज़रूर है, लेकिन ये उससे बिल्कुल अलग है। कहते हैं कि सच्चा प्यार इंसानी शरीर से नहीं बल्कि रूह...