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☆★☆★☆★☆★☆★सुबह 7 : 00 बजे ।
सुबह जब डर से मेरी आँखें खुली तब मैं नीचे होल में दरवाज़े के पास ज़मीन पर पड़ी थी । कल रात हुए हादसे के बाद मेरा शरीर अब तक डर से काँप रहा था । लेकिन, मुझे ऑफ़िस तो जाना ही था । क्योंकि ऐसा ना करने पर सलोनी को शक हो जाता ।
और फ़िर ख़ुद पर ज़ोर देते हुए जाने के लिए तैयार होकर मैं रोज़ की तरह सलोनी के साथ ऑफ़िस पहुँची ।
मैं ऑफ़िस में अपनी जगह पर बैठकर अपना काम कर रही थी । तभी सलोनी वहाँ आयी ।
"हेय पलक, मे'म ने तुम्हे केबिन में बुलाया है ।" सलोनी ने आते ही कहा और अपने काम में लग गई ।
उसके दूसरे ही पल मैं सलोनी के कहने पर मे'म की केबिन में पहुँची ।
मेरे अंदर जाते ही, "आओ... पलक । मैं तुम्हारी ही राह देख रही थी ।" मे'म ने कहा और मैं उनके पास जाकर खड़ी रही ।
मे'म ने सामने कुर्सी की तरफ़ इशारा करते हुए, "बैठो । और पहले इसे देखों ।" कहा और मेरे बैठते ही मुझे एक फाईल दी, जिसमें पैड़-पौधें और पृथिवी के बहुत सारी तस्वीरें थी ।
मैने फाईल ध्यान से देखते हुए, "मगर.. इन सबका मुझे क्या करना होगा, मे'म ?" धीरे से सवाल किया ।
"इस फ़ोटोज़ को ध्यान से देखों । और बताओ कि तुम्हे इनमें क्या नज़र आता है ?" मे'म ने मेरी तरफ़ देखकर मेरी परीक्षा लेते हुए सवाल किया ।
मैंने उन तस्वीरों को देखते हुए गहरी सोच के बाद, "मुझे इनमें कुछ इन्सानों की समझदारी के कारण पैंड़-पौधों, हरियाली और इस पृथ्वी की सुन्दरता नज़र आ रही है । तो वहीं दूसरी तरफ़ कुछ नासमझ लोगों की वजह से प्रदूषण, धुएँ, गंदगी और प्रकृति की भारी शक्ति ख़त्म होती नज़र आ रही है ।" सवाल का जवाब देते हुए धीरे से कहा ।
"अमेज़ीग, पलक । मैं तुमसे.. कुछ ऐसा ही सुनना चाहती थी । असलमें मैंने तुम्हे हमारी एक मेगज़ीन पर काम करने के चूना है । तुम्हें अगले सोमवार तक इस मेगज़ीन के लिए नेचर से जुड़ीं समस्याओ, उसके उपाय और उससे होनेवाले फायदे पर एक आर्टिकल लिखना है ।" मे'म ने मेरी तरफ़ देखकर खुशी से मुस्कुराते हुए कहा ।
"लेकिन... मे'म.. आप ये आर्टिकल अकेले मुझे क्यूँ देना चाहती हैं ? कहीं मुझसे कोई भूल हो गई तो.." मैं उनकी तरफ़ देखकर हिचकिचाते हुए नीची आवाज़ में कहा ।
"मुझे पूरा यक़ीन है, तुम ये कर सकती हो । अब ये तुम पर है कि तुम.. मेरे यक़ीन को सही साबित करोगी या मुझे निराश ।" मे'म ने मेरी तरफ़ देखकर भरोसे के साथ कहा ।
"ठिक हैं, मे'म । अगर चाहती हैं तो मैं अपनी पूरी कोशिश करूँगी ।" मैंने मेडम के यक़ीन पर भरोसा करते हुए हल्की-सी उलझी हुई मुस्कुराहट के साथ कहा ।
"ठिक है, तो फिर तुम इस पर आज से ही काम शुरू कर सकती हो । और अगर तुम्हे कोई हेल्प चाहिए या तुम्हे कोई जानकारी की जरूरत पड़े, तो तुम ऑफ़िस की लाईब्रेरी या स्टोर-रूम में जा सकती हो । वहाँ तुम्हे हर तरह की बूक्स, मेगज़ीन्स और पुराने न्यूज़पेपर्स मिल जाएंगे ।" मे'म ने मेरी तरफ़ देखकर कहा ।
मैने धीरे से कहा, "ठिक है, मे'म ।" और उठकर दरवाज़े की तरफ़ बढ़ गई ।
"और हाँ, ऑल द बेस्ट ।" मे'म ने मेरे जाने से पहले थोड़ी ऊँची आवाज़ में कहा । उनकी आवाज़ सुनते ही मैंने मुस्कुराते हुए मुड़कर उनकी तरफ़ देखा और बाहर चली गई ।
उस वक्त मेडम का मुझ इतना भरोसा देखकर मुझे अच्छा लग रहा था । तो वही दूसरी तरफ़ मुझे ये डर भी कि कहीं मेरी वजह से उनका ये भरोसा टूट न जाए । लेकिन अब किसी भी तरह मुझे ये भरोसा कायम रखना था ।
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Asmbhav - The Mystery of Unknown Love (1St Edition) #YourStoryIndia
Paranormal#1 in Paranormal #1 in Ghost #1 in Indian Author #1 in Thriller #WattpadIndiaAwards2019 #RisingStarAward 2017 ये कहानी 'प्यार की ये एक कहानी' से प्रेरित ज़रूर है, लेकिन ये उससे बिल्कुल अलग है। कहते हैं कि सच्चा प्यार इंसानी शरीर से नहीं बल्कि रूह...