सुबह 7 : 30 बजे ।
सुबह मेरी नींद से आँखें खुलते ही मैने महसूस किया कि वहाँ चारों तरफ़ काफ़ी शांति थी । इसलिए मैं जल्दी से उठ खड़ी हुई और अपने पीछेवाली खिड़की खोलकर बहार देखा ।
अब तक मौसम शांत हो चूका था और तूफ़ानी हवाऐं चलना भी बंध हो गई थी । लेकिन मौसम में अभी भी काफ़ी ठंड और नमी कायम थी । रात में हुई बारिश की वजह से ज़मीन अभी भी गीली नज़र आ रही थी ।
मैं खिड़की के पास खड़ी होकर बहार का नज़ारा देख रही थी । और इसी बीच मैं कब अपनी उन्हीं यादों में खो गई, मुझे पता ही नहीं चला ।
मुझे अचानक वही सारी बातें याद आने लगी, जिनसे भागकर मैं यहाँ इतनी दूर चली आई थी ।
उस दिन हुए हादसे की सारी तस्वीरें एक-एक करके मेरी आँखों के सामने आने लगी । ना चाहते हुए भी मैं उस तकलीफ़ को एक बार फ़िर काफ़ी क़रीब से महसूस कर रही थी ।
तभी अचानक मेरे फ़ोन की रींग बजने की आवाज़ सुनते ही मेरा ध्यान उस तरफ़ चला गया और मैंने जल्दी से जाकर अपना फ़ोन उठाया ।
"हेलो..! पलक..? हाँ, एक्टूली मुझे थोड़ी देर हो जाएगी । इसलिए तुम रैड़ी रहना । मैं एक घंटे में वहाँ पहुँच जाऊंगी । ओके.?" मेरे फ़ोन उठाते ही सलोनी ने जल्दबाज़ी में कहा ।
"हाँ, मैं तैयार रहूँगी ।" मैंने जवाब देते हुए कहा और मेरी बात ख़त्म होते ही उसने ज़ल्दी में फ़ोन रख दिया ।
उसके कुछ देर बाद अब मैं जाने के लिए बिल्कुल तैयार थी । मैंने ज़ल्दी से सारी खिड़कियाँ और दरवाज़े बंध किये और अपना फ़ोन उठाते ही तेज़ी से अपने कमरे से बहार चली गई । उसके बाद मैंने अपने कमरे का दरवाज़ा बंध किया और ज़ल्दी से नीचे आ पहुँची । बहार आने पर मैंने पेलेस का दरवाज़ा बंध किया और गेट बंध करते ही सिढ़ियों से नीचे उतर आई ।
मेरे बहार आने के कुछ ही मिनटों बाद सलोनी भी अपनी स्कूटर से वहाँ पहुँची ।
मैंने देखा कि आज भी उसने वैसे ही पकड़ें पहने थे, जैसे वो हमेशा पहनती थी । उसने आज भी ब्लू स्पोर्ट्स टी - शर्ट, ब्लेक जिन्स और अपने पैरों में ब्लू स्पोर्ट्स शूज़ पहने थे ।
"हेलो..! पलक । जल्दी बैठो वरना हम लेट हो जाएंगे ।" सलोनी ने आते ही जल्दबाज़ी में कहा और मेरे बैठते ही उसने स्कूटर स्टार्ट कर दी ।
"वैसे.. तुम इस येलो, लॉग ड्रेस और ब्लू जेकिट में अच्छी लग रही हो ।" सलोनी ने स्कूटर के मिरर में देखते हुए मुस्कुराकर कहा ।
"थेन्क्स..! तुम भी अच्छी लग रही हो ।" मैंने जवाब में कहा ।
"थेन्क यू.! वैसे इन्टरव्यू के लिए ये कपड़े एकदम पर्फेक्ट है ।" सलोनी ने स्कूटर चलाते हुए ऊँची आवाज़ में कहा ।
लेकिन मैंने उसकी बात का कोई जवाब नहीं दिया और बस उसके पीछे बैठकर हर एक रास्ते और मोड़ को ध्यान से देखती रही ।
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Asmbhav - The Mystery of Unknown Love (1St Edition) #YourStoryIndia
Paranormal#1 in Paranormal #1 in Ghost #1 in Indian Author #1 in Thriller #WattpadIndiaAwards2019 #RisingStarAward 2017 ये कहानी 'प्यार की ये एक कहानी' से प्रेरित ज़रूर है, लेकिन ये उससे बिल्कुल अलग है। कहते हैं कि सच्चा प्यार इंसानी शरीर से नहीं बल्कि रूह...