Chapter 6 - Palak

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  • इन्हें समर्पित: ruchika_212
                                    

Sorry for the late update. I know you all are just waiting for next chaptr but I was busy in my publishing work. But.. Now you can enjoy the new chaptr of this terrible, horrible, paranormal fan - fiction.
Enjoy the chapter and share your precious experience..! :)
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अगले दिन सुबह 7 : 30 बजे

किसी तरह ख़ुद पर क़ाबू करते हुए मैंने रात गुज़ार ली । मगर सुबह जागने पर मेरे मन में वहीं बातें फ़िर ताज़ा हो उठी । रात में हुए उस अजीब से हादसे को मैं अब तक पूरी तरह से भूल नहीं पायी थी ।
उस हादसे के बारें में सोचते ही मैं परेशान हो गई और उठकर खिड़की के पास गई । उस खिड़की के दरवाज़े खोलते ही मैं कुछ देर तक वही खड़ी रह गयी ।
बिस्तर के पीछेवाली खिड़की को खोलते ही मेरे सामने बहुत ही गहरा और हरा-भरा जंगल दिखाई दे रहा था । वहीं दूसरी ओरे दूर बाई तरफ़ गहरी खाई नज़र आ रही थी । बाहर जंगल के फर्श पर बहोत सारी मिट्टी और हरी-भरी घास बिछी हुई थी ।
प्रकृति के ये सुन्दर नज़ारे मेरे मन को राहत पहुँचा रहे थे । ठंडी हवा के झोके मुझसे टकराकर गुज़र रहें थे । और साथ ही वहाँ की महक पाकर मेरे मन को थोड़ी सी शांति महसूस हुई ।
तभी वक्त गुज़रने का ऐहसास होते ही मुझे ऑफ़िस का ख़्याल आया । जल्दी से नहाने के बाद अब मैं अपना लाईट ग्रीन ड्रेस और ब्लेक जैकिट पहनकर मैं ऑफ़िस जाने के लिए तैयार थी । और फ़िर अपने सेन्डल्स पहनते ही मैं तेज़ी से ऑफ़िस के लिए निकल पड़ी ।
महल से निकलते ही मैं रोज़ की तरह सलोनी के साथ बिल्कुल सही समय पर ऑफ़िस जा पहुँची ।
मगर उस महल से दूर जाने के बाद भी मेरा डर दूर नहीं हो पा रहा था । हर वक्त मुझे वहीं सारी डरावनी घटनाएँ याद आती रहती । और अब.. उस महल से दूर रहने के बावजूद मेरे साथ इस तरह के डरावने हादसे होना शुरू हो गए थे ।
महल में कई बार मेरी आँखों के सामने से मेरी चीज़ें ग़ायब हो जाती और कुछ समय बाद वहीं चीज़ें किसी दूसरी जगह से मिलती । तो कई बार उसके पास जाने या उसे छूने से वो चीज़ें ग़ायब हो जाती ।
कई बार ऑफ़िस में काम करते समय अचानक मेरे कंम्पयूटर से अजीब किस्म की आवाज़े सुनाई देने लगती, जो मुझसे यहाँ से चलें जाने के लिए कहती । मुझे ये कहकर डराती कि 'चली जाओ यहाँ से, वरना तुम्हारा ज़िन्दा रहना नामुमकिन है ।'
मैं हर दीन इन घटनाओं को बरदाश्त रहती । मगर फ़िर भी मुझे लगता कि समय के साथ सब ठिक हो जाएगा । लेकिन... ऐसा नहीं हुआ । उलटा, समय के साथ ये खौफ़नाक घटनाएँ औ़र बढ़ती चली गयी ।
कई बार जब मैं सबके साथ ऑफ़िस या केन्टिन में होती, तब एक ही पल में अचानक वहाँ बैठे सब लोग गायब हो जातें । और मैं... उस बड़ी सी जगह में अकेली कैद होकर रह जाती । ऐसे में फ़िर अचानक कहीं से डरावनी विसल (सीटी) की या अजीब सी आवाज़े सुनाई पड़ती । लेकिन... वहाँ पहुंचने पर कोई नज़र नहीं आता । फ़िर अचानक कहीं से कोई अंजान आदमी आकर मुझे महल से दूर चलें जाने के लिए कहता । और अगले ही पल मेरी आँखों के सामने से गायब हो जाता ।
मगर हैरानी की बात ये थी कि उस दिन के बाद पता करने पर मुझे जानकारी मिली कि ऐसा कोई आदमी इस ऑफ़िस में कभी था ही नहीं ।
अब मैं हर पल इन डरावनी घटनाओं के खौफ़ के साये में जी रही थी, जो मेरे लिए किसी मौत से भी बत्तर हो चूका था ।

Asmbhav - The Mystery of Unknown Love (1St Edition) #YourStoryIndiaजहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें