Chapter 25 - Chandra (part 1)

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Hello my dear friends,
Main apki B. Talekar fir present ho gayi hun naye chapter ke sath. To chaliye quickly shuru karte hai ye kahani. 😄💖

कहानी अब तक: चंद्र  वाकई  में  मेरी  बहोत  फिक्र  करता  था।  उसे  मेरी  परवाह  थी  और  वो  हमेशा  मेरा  ध्यान  रखता  था।  इसलिए  उसकी  खातिर  न  चाहते  हुए  भी  मैं  बिना  किसी  एतराज़  के  ऊपर  कमरे  में  सोने  चली  आई।

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शनिवार सुबह 2:30 बजे।
उस रात पलक के साथ जो घटनाएं घटी उसके बाद एक भी पल मेरा उससे दूर जाने का मन नहीं कर रहा था। इसलिए मैं उसके सोने के बाद भी वहीं उसके कमरे में बैठा रहा। मगर पलक को देखकर लग रहा था जैसे उसे इस बात का कोई अंदाज़ा नहीं था। इस वक्त उसका ध्यान उनकी कंपनी में होने वाले सेमिनार पर था, जो कहीं-न-कहीं उसके हित में था।
अब बस आज रात की बात थी। कल सुबह तक पलक अपने दोस्तों के साथ चली जाएंगी। उसके बाद वो इस मनहूस नयनतारा पैलेस और उस शैतान राजकुमारी के साए से एक हफ़्ते तक दूर रहने वाली थी। इस बीच मैं बिना किसी बंदिश के उस राजकुमारी के असली मक्सद का पता लगा सकता था। मुझे किसी भी तरह उसे रोकने का उपाय खोजना था। मैं किसी भी कीमत पर पलक को उस राजकुमारी के चुंगल से बचाना चाहता था, फिर चाहे उसके लिए मुझे अपनी आत्मा का सौदा ही क्यों न करना पड़े।
इसी तरह मेरी पूरी रात देखते ही देखते पलक के खयालों में बीत गई। अब आकाश से अंधेरा छटने लगा था और सूरज आसमान में हल्के हल्के से अपनी रौशनी बिखेरने लगा था। इसी के साथ पलक के जागने का समय भी हो चला था। किसी भी पल पलक की नींद टूट सकती थी। यहीं सोचकर मैं कुछ देर के लिए छत पर लौट आया।

शनिवार सुबह 2:30 बजे।उस रात पलक के साथ जो घटनाएं घटी उसके बाद एक भी पल मेरा उससे दूर जाने का मन नहीं कर रहा था। इसलिए मैं उसके सोने के बाद भी वहीं उसके कमरे में बैठा रहा। मगर पलक को देखकर लग रहा था जैसे उसे इस बात का कोई अंदाज़ा नहीं था। इस वक्त उ...

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Asmbhav - The Mystery of Unknown Love (1St Edition) #YourStoryIndiaजहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें