Chapter 8 - Palak

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सुबह  4:30  बजे
उसने  मेरे  सामने  उजागर  होते  ही,  "मैं  तुम्हे  कभी  भी  मारना  नहीं  चाहता  था ।  मैं  तो..  तुम्हे  बचाना  चाहता  था ।"  परेशान  होकर  धीरे  से  कहा । 
ख़ुद  पर  क़ाबू  करने की  कोशिश  करते  हुए,  "क्या..  तु..म  मुझे..  बचाना  चाहते  थे !  लेकिन..  तु..तुमने  मेरे  साथ  ऐसा..  क्यूँ  किया ?"  मैंने  अब  तक  अपनी  कांपती  हुई  आवाज़  में  सवाल  किया  और  सर  उठाकर  हैरानी  भरी  नज़रों  से  उसकी  तरफ़  देखा । 
उसने  मेरी  तरफ़  देखते  हुए,  "मैं  बस..  इतना  ही  चाहता  था  कि  तुम  इस  जगह  से  जल्दी  से  चली  जाओ ।  जिससे  जो  मेरे  साथ  हुआ  वहीं  सब  तुम्हारे  साथ  ना  हो ।"  धीमे  से  कहा ।
उस  वक्त  मैं  उसकी  आवाज़  में  गहरी  मायूसी  और  तड़प  महसूस  कर  पा  रही  थी । 
उसकी  बात  सुनते  ही,  "जो..  तुम्हारे  साथ  हुआ..?!"  कांपती  हुई  आवाज़  में  हैरान  होकर  मेरे  मुँह  से  निकल  गया । 
उसने  मेरी  तरफ़  देखते  हुए,  "हाँ,  कई  सालों  पहले  मैं  यहाँ  अपने  दोस्तों  के  साथ  छुट्टीयाँ  मनाने  आया  था ।  लेकिन  हमारी  छुट्टीयाँ  हमारे  लिए  एक  बहुत  ही  खतरनाक  सज़ा  बनकर  रहे  गई ।"  परेशान  होकर  कहा ।  अब  भी  उसकी  आवाज़  में  वही  तड़प  कायम  थी ।
"इसका..  मतलब..  उस  न्यूज़पेपर  में  जो  खबर  छपी  थी  वो..  तुम्हारे  बारें  में  थी ।"  कांपती  हुई  आवाज़  में  मैंने  धीरे  से  कहा ।
"हाँ ।"  उसने  कहा । 
मैंने  सर  झूकाकर,  "लेकिन..  तुमने  मेरे  साथ  ऐसा  क्यूँ  किया ?  हर  वक्त  तुम  मुझे  डराते  रहे;  मुझे  मारने  की  धमकी  देते  रहे ।  और  जब..  आज  मैं  ख़ुद  अपनी  ज़िंदगी  ख़त्म  करने  जा  रही  थी  तब  तुमने  ऐसा  नहीं  होने  दिया ।  तुमने  ऐसा  क्यूँ  किया ?  मुझे  क्यूँ  बचाया ?  वैसे  भी  अब  मुझमें  जीने  की  कोई  इच्छा  नहीं  बची ।"  परेशानी  और  गुस्से  में  कहा ।  और  बिति  बातों  के  साये  याद  आते  ही  एक  बार  फ़िर  मेरी  आँखों  से  आँसू  बहने  लगे । 
उसने  परेशानी  और  गुस्से  से  मेरी  तरफ़  देखते  हुए,  "क्योंकि..  मैं  नहीं  चाहता  था  कि  जो  तकलीफ़  और  परेशानियाँ  हमें  उठानी  पड़ी,  वही  सब  तुम्हारे  या  किसी  औ़र  को  झेलनी  पड़े ।  मैं  तुम्हें..  उस  ख़ौफ़नाक  मौत  से  बचाना  चाहता  था,  जिसका  शिकार  मैं  और  मेरे  दोस्त  बने  थे ।"  अचानक  ऊँची  आवाज़  में  कहते  हुए  एक  पल  के  लिए  खामोश  हो  गया । 

Asmbhav - The Mystery of Unknown Love (1St Edition) #YourStoryIndiaजहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें