Chapter 15 - Chandra (part 2)

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1) The Vision

मेरी बात ने पलक को हैरत में डाल दिया, "कहानी ? किसकी कहानी ?" और उसने अपनी हैरानी भरी नज़रों से मेरी ओर देखा ।
"हाँ, कहानी ।" उसकी तरफ मुड़ते ही, "ये कहानी गौतम की है, जो तुम्हारी ही तरह अलौकिक और पारलौकिक शक्तियों को देख सकता था । उन्हें महसूस कर सकता था ।" मैंने कहानी की शुरुआत की ।
पलक मेरी बातों को ध्यान देकर गंभीरता से सुन रही थी और मेरी बातें सुनते ही उसने फ़िर अपनी डायरी निकाल ली थी । पलक मेरे लफ्ज़ो (शब्दों ) को एक बार फ़िर अपनी डायरी के पन्नों में शामिल करने लगी थी ।
लेकिन इस बार मुझे पलक से कोई शिकायत नहीं थी । क्योंकि मुझे उस पर पूरा भरोसा था । और इसी भरोसे को बनाये रखते हुए मैंने बिना किसी एतराज़ के कहानी आगे बढ़ाई ।
"गौतम के आईं-बाबा काफ़ी अच्छे परिवार से थे । उन दोनों की महादेव पर बहुत आस्था थी और इसी कारण जब गौतम का जन्म होने वाला था तब प्रकाश और करुणा (गौतम के आईं-बाबा) अपने इष्ट देवता के दर्शन करने गए । इसी दौरान घर वापस लौटते समय उनकी कार का एक्सिडन्ट हो गया । इस टक्कर में सबसे ज़्यादा चोट गौतम की आईं को लगी । उसकी हालत काफ़ी बिगड़ने लगी । सभी डॉक्टर्स बहुत परेशान थे । उन्होंने प्रकाश को अपना आंखरी जवाब दे दिया था । वो करुणा और उसके बच्चे को नहीं बचा सकते थे । करुणा की कंडीशन इतनी नाजुक थी कि डॉक्टर्स को लगा उसका बच्चा पहले ही मर चुका है । लेकिन फ़िर एक चमत्कार हुआ । बच्चे का जन्म होते ही करुणा की तबियत में भी सुधर आने लगा । जन्म के समय बच्चा सही-सलामत था, जिस वजह से प्रकाश और करुणा काफ़ी ख़ुश हुए । लेकिन कुछ दिनों बाद उन दोनों की ख़ुशी चिंता में बदलने लगी ।" मैंने कहना जारी रखा ।
"लेकिन.. उनका बच्चा सही-सलामत था, तो फ़िर उनके चिंता की क्या वजह थी ?!" पलक ने हैरान होकर सवाल किया ।
पर मैं पलक की परेशानी उसकी कांपती हुई आवाज़ से महसूस कर सकता था ।
"हाँ । इतने नाजुक हालातो से गुजरने के बावजूद उनका बच्चा सही-सलामत था ।" पलक के सवाल का जवाब देते हुए, "लेकिन, कुछ समय बाद अचानक उनके बच्चे को कुछ हो गया । वो हमेशा रोता रहता । बिना वजह भी वो लगातार रोता रहता । करुणा और प्रकाश अपने बच्चे के हमेशा रोते रहने की वजह नहीं जान पाए और आंख़िरकार डॉक्टर के पास ले गए । पर उससे कोई फायदा नहीं हुआ । क्योंकि डॉक्टर का कहना था कि बच्चे को कोई बीमारी या तकलीफ नहीं हुई, जिसका उन्हें इलाज करवाना पड़े । लेकिन उस बच्चे को शांत करने के लिए डॉक्टर ने उसे एक दवाई दी, जिससे बच्चे को आराम मिल पाता और वो चैन से सो सकता था ।" मैंने कहानी आगे जारी रंखी ।
कहानी के बीच मेरी नज़रे पलक पर गई । वो काफ़ी थक चुकी थी, जिस वजह से उसे नींद आ गई थी । और कहानी सुनते हुए पलक सोफ़ा पर सर टेक सो गई थी ।
उस वक़्त पलक गहरी नींद में थी । और सोते हुए वो सच में काफ़ी मासूम लग रही थी, जिस वजह से मेरा उसे जगाने का मन नहीं किया ।
लेकिन पूरी रात यहां सोना ठीक नहीं था । इसी लिए पलक को अपनी बांहो में उठाकर मैं उसे उसके कमरे तक ले गया । उसे उसके बिस्तर पर सुलाते ही मेरी उंगलियों के हल्के से इशारे से नर्म आराम दे कंबल ने उसे ढंक दिया ।
अब वो बिना किसी तकलीफ के आराम से सो सकती थी । उसके चेहरे पर प्यारी सी मासूमियत थी । लेकिन उसका डर सोते समय भी उसे घेरे हुए था, जिसे दूर करने के लिए मैं अब तक कुछ नहीं कर पाया था । जिसका मुझे बहुत अफसोस था ।
कुछ समय बाद पलक को उसके कमरे में छोड़कर मैं अपनी जगह लौट आया । लेकिन पलक के ख़्याल अब भी मेरी सोच में शामिल थे ।
पता नहीं गौतम की कहानी को लेकर पलक के दिमाग़ में क्या चल रहा था । मैं उस कहानी को लेकर पलक के मन की बात जानना चाहता था । और उसके लिए मुझे कल का बेसब्री से इन्तजार था ।

  उनका  बच्चा  सही-सलामत  था,  तो  फ़िर  उनके  चिंता  की  क्या  वजह  थी ?!"  पलक  ने  हैरान  होकर  सवाल  किया ।पर  मैं  पलक  की  परेशानी  उसकी  कांपती  हुई  आवाज़  से  महसूस  कर  सकता  था ।"हाँ ।  इतने  नाजुक  हालातो  से  गुजरने  के  बावजूद  उनका ...

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B. Talekar

Asmbhav - The Mystery of Unknown Love (1St Edition) #YourStoryIndiaजहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें