Chapter 25 - Chandra (Part 4)

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Hello Dear Friends,
I'm back with another exciting chapter of Ashambhav I want to wish you all a VERY HAPPY NEW YEAR! 😊💖 May you all will achieve your good goals and this year will be proved happiest year for you all.
So without any further delay... here we go... 🤟🏻

कहानी अब तक: पलक की वो बात सुनते ही चक्कर काटते हुए मेरी रफ़्तार अचानक थम गई। और मेरी नज़रे दूर कहीं शुन्यवकाश में ठहर गई। इसी के साथ नयनतारा पैलेस में घटी सभी भयानक घटनाओं की झलक मेरी आंखों के सामने से गुजर गई।

अब आगे...

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"तुमने सही कहा -- ऐसे इंसान सच में बेवकूफ होते है। उन्हें अपने स्वार्थ के आगे कुछ नहीं दिखता।" तुम नहीं जानती, पलक। लेकिन आंखिरकार उस मनहूस राजकुमारी ने भी तो यहीं किया। "वो किसी भी कीमत पर सिर्फ़ हासिल करना चाहते हैं। फिर चाहे इसके लिए उन्हें किसी की जान ही क्यों न लेनी पड़े।" अपने स्वार्थ के खातिर उसने इतने सारे बेकसूर लोगों का खून बहाया। और अब वो तुम्हारी जान के पीछे पड़ी है।
"चंद्र?" अपनी गहरी सोच के बीच, "तुम ठीक तो हो?" मैंने पलक की आवाज़ सुनी।

"तुमने सही कहा -- ऐसे इंसान सच में बेवकूफ होते है। उन्हें अपने स्वार्थ के आगे कुछ नहीं दिखता।" तुम नहीं जानती, पलक। लेकिन आंखिरकार उस मनहूस राजकुमारी ने भी तो यहीं किया। "वो किसी भी कीमत पर सिर्फ़ हासिल करना चाहते हैं। फिर चाहे इसके लिए उन्हें किस...

ओह! यह छवि हमारे सामग्री दिशानिर्देशों का पालन नहीं करती है। प्रकाशन जारी रखने के लिए, कृपया इसे हटा दें या कोई भिन्न छवि अपलोड करें।

"हां। गांव का मुआयना करने के बाद सभी क्रू मेंबर्स वापस लौट आए और सभी लोग अगले दिन की शूटिंग की तैयारियों में लग गए। मगर श्रवा को अपनी ओर घूरते देख निसर्व हड़बड़ा गया। 'रुको निसर्व। तुम क्या छुपा रहे हो?' निसर्व ने श्रवा से नज़रे चुराकर भागने की को...

ओह! यह छवि हमारे सामग्री दिशानिर्देशों का पालन नहीं करती है। प्रकाशन जारी रखने के लिए, कृपया इसे हटा दें या कोई भिन्न छवि अपलोड करें।


"हां। गांव का मुआयना करने के बाद सभी क्रू मेंबर्स वापस लौट आए और सभी लोग अगले दिन की शूटिंग की तैयारियों में लग गए। मगर श्रवा को अपनी ओर घूरते देख निसर्व हड़बड़ा गया।
'रुको निसर्व। तुम क्या छुपा रहे हो?' निसर्व ने श्रवा से नज़रे चुराकर भागने की कोशिश की, 'मैं तुम्हें म्यूज़िक नाईट से नोटिस कर रही हूं। तुम काफ़ी परेशान लग रहे हो। और आज भी तुम हिल टॉप से गिरने वाले थे। अगर मैं तुम्हें नहीं बचाती तो...' मगर उसने निसर्व को सारी हकीकत बताने पर मजबूर कर दिया।
'साब? गजब हो गया, साब।' तभी जोगिंदर काका निसर्व को ढूंढते हुए वहा आ पहोंचे।
और निसर्व के पूछने पर उन्होंने बताया कि, 'कल चौदश की रात है, साब। ये वहीं काली रात है जिस रात हमारे गांव पर हमला हुआ था। जिस रात वैदेही ने अपणी जाण दी थी। कल आप सबणे बहोत संभल के रेहणा होगो। वरना किसी की भी जाण जा सकती है।' ये सब जानने के बाद निसर्व, श्रवा और अविनाश और भी ज़्यादा परेशान हो गए।
उस रात क्रू के सभी मेंबर्स किसी न किसी के घर में रूकने के लिए तैयार हो गए। लेकिन डायरेक्टर अजीत और उसका सेक्रेट्री गांव वालों के घरों में एडजस्ट नहीं कर पाए। जोगिंदर काका के मना करने के बाद भी डायरेक्टर वहीं बरामदे में वेनिटी में रूका। उनका सेक्रेट्री और दो लोग वहीं पास टैंट लगाकर आग जलाकर बैठ गए। अगली सुबह जब सब लोग जागे तो उन्हें पता लगा कि सेक्रेट्री और उसके दो लोग गायब थे। और कुछ गांव वालों के साथ क्रू मेंबर्स उन्हें ढूंढने निकले। काफ़ी ढूंढने के बाद सेक्रेट्री डायरेक्टर अजीत चंदीला की वेनिटी के नीचे छुपा मिला। लेकिन उसकी हालात काफ़ी ख़राब थी। उसका शरीर कई जगहों से छिल गया था, जैसे किसी ने उसे ज़मीन पर घसीटा हो। वो बेहोश था और उसे इलाज की ज़रूरत थी।
निसर्व ये सब देखकर काफ़ी परेशान था। और इस दौरान वो एक बार फिर गांव के उस टीले पर जा पहुंचा, जहां से वैदेही ने आत्महत्या की थी।
निसर्व ये समझ नहीं पा रहा था कि वैदेही के ऐसा करने के पीछे क्या वजह हो सकती है... वो ऐसा क्यूं कर रही थी... और तभी उसके सामने जोगिंदर काका, उनका पोता मासूम बंटूल और बेकसूर गांव वालों के बेबस चेहरे आ गए, जो हालात के आगे लाचार होकर मौत के साए में जीने पर मजबूर थे। निसर्व को उनसे हमदर्दी हो गई थी।
वो उन गांव वालों के लिए कुछ करना चाहता था। मगर वो समझ नहीं पा रहा था कि क्या करे। तभी अचानक फिर एक बार निसर्व के कानों में वहीं गुस्पुसाहट सुनाई दी। मगर इस बार उस गुस्पुसाहट के बीच, 'राणा...' उसे वो शब्द स्पष्ट सुनाई दिया। और आवाज़ किसी लड़की की थी। वो ये सुनकर हैरान हो गया। लेकिन निसर्व अब भी कुछ ठीक से समझ नहीं पाया।
इसी बीच एक बार फ़िर पीछे से किसी ने उसका हाथ पकड़ कर खींच लिया।
'पागल हो गया है क्या, भाई?! ये तू क्या करने जा रहा था!?' अविनाश ने निसर्व को झिंझोड़ कर कहा। क्योंकि अंजाने में एक बार फ़िर निसर्व के कदम टीले की चोटी की ओर बढ़ गए थे। और वो वहां से गिरने ही वाला था।
इसके बाद अविनाश उसे खींचकर अपने साथ ले गया। तब वापस लौटते ही उन दोनों को ये देखकर झटका लगा कि डायरेक्टर अजीत चंदीला वहां से पेहले ही भाग चूका था।
'मैंने और जोगिंदर काका ने उन्हें रोकने की बहोत कोशिश की। लेकिन उन्होंने किसी की एक न सुनी। मगर हमारे बाकी क्रू मेंबर्स यहीं है।' श्रवा ने उनके पास आते ही परेशान होकर कहा।
उस दिन अंधेरा होते ही सब लोग अपने-अपने घरों में दुबक गए। चौदश की रात का खौफ सभी के दिलों में कौंध रहा था।
चौदश की रात, जो अमावस्या की तरह ही बिल्कुल काली और डरावनी थी। ऊपर से रेगिस्तान का वो इलाका इस माहौल को और भी खौफ़जदा बना रहा था।
देर रात निसर्व अपने बिस्तर पर पड़े करवटे बदल रहा था कि तभी अचानक उसका सेल फोन बजने लगा। फ़ोन उठाते ही सामने से पुलिस इंस्पेक्टर ने बताया कि, डायरेक्टर अजीत चंदीला और उनके दो लोग ऐक्सिडेंट में मारे गए। उनकी गाड़ी बेकाबू होकर हाई वॉल्टेज डीपी से टकरा गई। और धमाके में सब राख हो गया।
निसर्व इस ख़बर से उबर पाता इससे पहले ही एक और चौंकाने वाली आवाज़ ने सभी की नींद उड़ा दी। बादलों के ज़ोरदार कडाको के साथ ही मूसलाधार बारिश की तेज़ आवाजें शोर मचाने लगी थी। निसर्व ये सुनकर खिड़की तक जाने ही वाला था कि, तभी जोगिंदर काका ने उसे रोक दिया।
मगर अगले ही पल बाहर से लोगों के चिल्लाने की आवाजे सुनते ही निसर्व और बाकी लोगों ने दरवाज़ा खोल कर देखा।
उस काली रात में बाहर का वो भयानक नज़ारा देखते ही निसर्व का दिल कांप गया। बाहर सचमुच में खून की वर्षा हो रही थी। आसमान में छाए घने काले बादलों से पानी के साथ लाल खून की बूंदे टपक रही थी। जिससे आसपास की जगह खून से लथपथ नज़र आने लगी थी। वो बारिश इतनी तेज़ थी कि कुछ ही समय में ज़मीन पर खून की कई धाराएं बह निकली थी।
इस बीच अचानक गांव के एक घर में आग लग गई। बारिश में आग! ये देखकर अविनाश से रुका न गया और वो उनकी मदद करने दौड़ पड़ा। अविनाश को देख निसर्व परेशान हो गया और वो भी वहां जा पंहुचा। निसर्व और अविनाश ने हिम्मत करके उस घर के सभी लोगों को सही-सलामत निकाल लिया।
इन भयानक नज़ारों को देखते ही उनका एक क्रू मेंबर काफ़ी घबरा गया और वो अपना सामान लेकर वहां से जाने के लिए निकल पड़ा। मगर घर की देहलीज से थोड़ी दूर जाते ही सभी ने अचानक उसकी दर्दनाक चीखें सुनी। एकाएक उसके शरीर पर गहरे घाव बनने लगे, जैसे कोई अदृश्य शक्ति उस पर तलवार से वार कर रही हो।
उस आदमी को तकलीफ़ में देख एक और आदमी आगे आया। मगर उसका हाल भी वहीं हुआ। अंत में लहूलुहान होकर उन दोनों आदमियों ने वहीं दम तोड़ दिया।
इसी दौरान अविनाश की चीख सुनते ही निसर्व तुरंत उस ओर दौड़ पड़ा। मगर अविनाश वहां नहीं था। इस बार अविनाश के लापता होने पर निसर्व चुप नहीं बैठ पाया। और वो तूफ़ानी खूनी बारिश में अपने दोस्त को ढूंढने निकल पड़ा।
'तुम क्या चाहती हो, वैदेही? तुम ऐसा क्यूं कर रही हो?! इन बेकसूर गांव वालों ने, मेरे दोस्त ने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है!?' उस रूह को चौनोती देते हुए निसर्व अपने चारों ओर देखते हुए अविनाश के आवाज़ की दिशा में तेज़ी से भाग रहा था।
वहीं दूसरी ओर कोई अंजान शक्ति अविनाश को तेज़ बारिश में घसीटते हुए टेकरी तक ले आई। कुछ समय बाद जब निसर्व वहां पंहुचा तो उसने अपने दोस्त को कई ज़ख्म के साथ बेहोश पड़ा पाया। मगर वो ज़िंदा था।
'क्या चाहिए तुम्हें?! मानता हूं तुम्हारे साथ अन्याय हुआ है। लेकिन उसका कारण मेरा दोस्त नहीं है। ये गांव वाले नहीं है। अगर तुम भी अपने साथ हुए अन्याय का बदला इन बेकसूर लोगों से निकलोगी तो तुम में और उस शैतान उद्धम सिंह में क्या फर्क रह जाएगा... बताओ मुझे... जवाब दो...' अपने दोस्त को संभालते हुए निसर्व गुस्से में चिल्लाया।
वो अपने दोस्त की हालत देखकर काफ़ी परेशान और गुस्सा था। तभी एक बार फ़िर उसके कानों में वहीं गुस्पुसाहट सुनाई दी। इसके बाद अगले ही पल उसे किसी के कदमों की आहट सुनाई दी। और घुंघरुओं की छनछन ने उसका ध्यान खींचा। उसके बाद निसर्व अपने दोस्त को वहां छोड़कर आगे बढ़ गया।
तब आगे बढ़ते हुए निसर्व अचानक सर के बल उस टीले की चोटी से नीचे गिर पड़ा। तभी गिरते समय एक तरफ सर घुमाते ही उसने अपने सामने वैदेही को खड़ा पाया, जो उसी के साथ बिल्कुल सीधे नीचे जा रही थी। और उसी पल निसर्व को वैदेही का सच नज़र आया।" अपने मन में शोर मचाती उलझनों को परे करते हुए मैं लगातार कहानी सुनाने पर ध्यान दे रहा था।

आगे जारी...

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क्या होगा निसर्व का अंजाम?
क्या निसर्व पता लगा पाएगा सगरोन की सच या इस कोशिश में वो अपनी जान गवाएगा ?
कौनसा नया मोड़ लेने वाली है पलक चंद्र के प्यार की ये कहानी?
जानने के लिए मिलते हैं अगले भाग में जो publish होगा 15 जनवरी 2023 को।
(कृपया नोटिस पढ़े।)

तो कैसा लगा ये भाग comment में ज़रूर बताएगा। उम्मीद करती हूं कि आपको ये भाग पसंद आया होगा। अपना प्यार, कॉमेंट और लाइक यहां पर ज़रूर दे। हर बार आपके फीडबैक मेरे लिए टॉनिक है।

तब तक सब्र रखें और साथ ही मेरी लेटेस्ट नोवेला 'My Dance Partner' के मेरी सभी नोवेल्स पढ़ते रहिए। मेरी सभी नोवेल्स एमेजॉन पर अवेलेबल है। जिसकी लिंक आपको मेरे प्रोफाईल डिस्क्रिप्शन में मिल जायेगी। ☺️

अगले अपडेट तक टेक कैर! सायोनारा...! 👋🏻💖
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Asmbhav - The Mystery of Unknown Love (1St Edition) #YourStoryIndiaजहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें