Happy Halloween,
My jolly Spirits.. 🎃
Sorry for keeping you waiting for so long. But now, the day is coming when humans celebrate the adjacencies of ghosts, vampires, werewolves, spirits & many more, you can discover the deepest things in this mysterious world of dark existence.
So Let's celebrate.. 🎉🎃👻🎆
Enjoy... 👻🌒
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"गौतम धीरे - धीरे अपनी इन ख़ास तरह की शक्तियों के बारे में जानने लगा ।" अपने ख़्यालो के बीच चंद्र की आवाज़ ने मेरा ध्यान खीचा, "उसने फैसला किया कि, वो अपने शक्तियों के बारे में ज़्यादा जानकारी हासिल कर लोगों की मदद करेगा । और उसका फैसला बिल्कुल सही साबित हुआ । वो कई साधू - संतों, बाबाओ और फकिरो से मिला । उसने कई पुराण और किताबें पढ़ी । काफ़ी खोज के बाद गौतम को अपनी शक्तियों की अहमियत समझ आने लगी । उसने जाना कि, 'कई बार मरते समय कुछ लोगों की ख़्वाईंशे अधूरी रह जाती है । कई बार कुछ लोग अपने चाहने वालों से, अपने परिवार से अपने मन की बात कहना चाहते है । लेकिन कुछ बातें ऐसी होती है, जो वो ज़िंदगी भर नहीं कह पाते । और ऐसे में जब उनकी मौत हो जाती है तब उनकी ये इच्छा हमेशा के लिए अधूरी रह जाती है । लेकिन जब उन्हें ये पता चलता है कि, 'कोई है, जो उन्हें देख सकता है । उनकी बात सुन सकता है और उन बातों को उनके लोगों तक पहुंचा सकता है ।' तब उन लोगों की आत्माएँ उस इंसान से सबसे ज़्यादा आकर्षित होती है । उससे संपर्क करती है । और उनका संदेश उनके परिवार तक पहुंचने की कोशिश करती है ।" चंद्र के इन शब्दों को सुनते ही मेरे मन में चल रही कई उनसुलझी बातें साफ़ होने लगी ।"इसका मतलब गौतम उन सबके लिए एक जरिया, एक मेसेंजर था ?" मेरी बात सुनते ही चंद्र ने मुड़कर मेरी तरफ़ देखा, "और शायद मैं भी उसी की तरह एक मेसेंजर बन चुकी हूँ ?" और गंभीरता से सहमति में धीमे से अपना सर झुकाया ।
"लेकिन, आत्माओं के साथ नज़र आने वाला वो आदमी कौन था, जो उन आत्माओ को अपने साथ ले जाता !?" अपने सवाल का जवाब पाने की चाहत में मेरी उम्मीद भरी नज़रे चंद्र की ओर देख रही थी ।
तब मेरी तरफ़ देखते ही, "गौतम भी इसी सवाल का जवाब पाना चाहता था । और उसकी खोज के दौरान आंखिरकार उसे इसका जवाब मिल ही गया । उसने जाना कि, मरने के बाद हमारे किए कर्मों के मुताबिक़ हमें स्वर्ग या नर्क में ले जाया जाता है । जहां तक पहुंचने का रास्ता एक बहुत ही ख़ास नदीं के जरिए तैय करना पड़ता है । और इस की शुरूआत अंतिम संस्कार, श्राद्ध और पीड़दान से होती है । जिसके बाद आत्मा को एक नया शरीर मिलता है, जिसे यातना शरीर कहा जाता है । मरने के बाद मौत के दूत (यमदूत) हमारी आत्मा को अपने साथ ले जाते है । और फ़िर उन्हें आत्माओ की नदी यानी वैतर्ण नदी के किनारे अपनी बारी का इन्तजार करना होता है । मौत के दूत इन्तजार कर रही आत्माओ को अपनी नाव में दूसरे किनारे तक पहुचांते है । माना जाता है कि, 'वैतर्ण नदी ज़िंदगी और मौत को जोड़ने वाली बहुत ही ख़ास नदी है । वैतर्ण नदी एक बहुत ही ख़तरनाक नदी है, जिसमें खून चूसने वाले और मांस खाने वाले भयानक जीव पलते है । मगर इस सभी मुसिबतों के बावजूद वैतर्ण नदी को पार करने के बाद सभी आत्माओं को न्याय मिलता है । और जो इस फासले को तैय नहीं कर पाते वो आत्माए दोनों लोकों के बीच भटक्ती रहती है ।' लेकिन कुछ ऐसे सच्चे और नेक दिल लोग होते हैं, जिन्हें भगवान ख़ुद इन फैरों (चक्कर) से छुटकारा दिलाते हैं । उन्हें मरने के बाद मिलने वाली इस तकलीफों से रिहा करवाते है । ऐसे लोगों के मरने के बाद महादेव शिंव ख़ुद 'काल भैरव' के रूप में आकर उन्हें अपने साथ ले जाते हैं ।" चंद्र ने बिना रुके कहना जारी रखा ।
चंद्र ने मुझे हर चीज़ की जानकारी गहराई से समझायी । उसकी बातों से मैं इतना कुछ जान पायी थी, जितना मैंने अपनी अब तक की ज़िन्दगी में नहीं जाना था । उसकी हर एक बात को मैं काफ़ी अच्छे से समझ पा रही थी । और उसके हर एक लब्ज़ मुझे गहराई से छू रहे थे ।
"इसी तरह कई महीने बीत गए । गौतम पढ़ाई के साथ अपनी इन शक्तियों को लेकर जिम्मेदार होने लगा । इसी दौरान गौतम और पीयाली के आई - बाबा को उन दोनों के बारे में पता चला । प्रकाश और करुणा पीयाली के आईं - बाबा को अच्छे से जानते थे । बल्कि कुछ महीनों से गौतम और पीयाली के रिश्ते की बात चल रही थी । लेकिन वो दोनों इस बात से अंजान थे । इसी लिए उनके आईं - बाबा को उनके प्यार से कोई एतराज़ नहीं था । कुछ ही समय में दोनों की सगाई तैय हो गई । दोनों परिवार के सदस्य इस रिश्ते से काफ़ी ख़ुश थे । लेकिन तभी अचानक गौतम की शक्तियों ने उसे फ़िर परेशान कर दिया । 'उस दिन वो पीयाली के साथ टेकरी पर चढ़ाई के (हाईंकिंग) लिए गया था । सब ठीक चल रहा था । लेकिन तभी अचानक उसे फ़िर वहीं बेचैनी भरा आभास हुआ । उसे फ़िरसे वहीं कुत्तों का भोकना सुनाई दिया । जिससे गौतम समझ गया कि, फ़िर कुछ होने वाला है । पर तब पीयाली ने सवाल किया कि, ये कुत्ते इतना क्यों भोक रहे है ? और तब पीयाली की बात से उसे लगा कि, ये शायद मामूली कुत्ते थे । लेकिन, बद्किस्मती से गौतम का डर सच साबित हुआ । अगले ही पल अचानक पहाड़ की ऊपरी सतह से कुछ बड़े पत्थर गिरने लगे, जिसने गौतम और पीयाली के आगे चल रहे एक आदमी को कुचल कर रख दिया । इस हादसे में उन दोनों को भी काफ़ी चोटे आयी । इसी बीच गौतम ने काले लंबे चोगा पहने दो खौफ़नाक लोगों को अचानक प्रकट होते देखा, जिनके हाथों में बड़े धारदार हथियार थे । और वो दोनों उस हादसे के शिकार हुए आदमी की आत्मा को उसके शरीर से निकाल कर अपने साथ ले गए । उस दिन गौतम ने जाना कि, वो दोनों चोगा पहने लोग मौत के दूत (यमदूत) थे । इस हादसे ने गौतम को झंझोड़ कर रख दिया । उसने सारी बातें पीयाली को बतायी । पीयाली का इन बातों पर विश्वास नहीं था । लेकिन वो जानती थी कि, गौतम सच कह रहा था । उसने गौतम को समझाया और इन बातों को ज़्यादा गंभीरता से ना लेने का सुझाव दिया । कुछ दिनों बाद गौतम की परेशानी कम होती गई और इसी बीच पीयाली और गौतम की सगाई हो गई ।
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Waiting for your wonderful feedback, thoughts and love. Don't forget to share your ghostly or lovely experience with Me.. 😘 on this Chapter...
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Asmbhav - The Mystery of Unknown Love (1St Edition) #YourStoryIndia
Paranormal#1 in Paranormal #1 in Ghost #1 in Indian Author #1 in Thriller #WattpadIndiaAwards2019 #RisingStarAward 2017 ये कहानी 'प्यार की ये एक कहानी' से प्रेरित ज़रूर है, लेकिन ये उससे बिल्कुल अलग है। कहते हैं कि सच्चा प्यार इंसानी शरीर से नहीं बल्कि रूह...