सुबह 8 : 30 बजे ।
अचानक नींद में, "पलक ! पलक ? तुम अब तक सो रही हो ! तुम्हारी तबियत तो ठिक है ?" मैंने सलोनी की आवाज़ सुनी ।
तब अगले ही पल मैंने महसूस किया कि, वो मेरे कंधे को धीरे से हिलाते हुए मुझे जगाने की कोशिश कर रही थी ।
मैं उसे सुन सकती थी और महसूस भी कर सकती थी । लेकिन मेरी आँखें खुलने का नाम नहीं ले रही थी ।
तब मुझे हिलाते हुए, "पलक...! पलक..? प्लिज़... कुछ तो कहों ।" सलोनी परेशान होकर ऊँची आवाज़ में चिल्लाई ।
और इस बार सलोनी की तेज़ आवाज़ कानों में पड़ते ही मेरी आँखें झट से खुल गई । इसी के साथ मेरे सर में काफ़ी तेज़ दर्द शुरू हो गया । और मैं अपना सर पकड़कर बैठ गई ।
मैंने उठकर बैठते हुए, "हाँ, मैं.. मैं ठिक हुं । वो.. बस कल रात मुझे नींद नहीं आई इसलिए काफ़ी थकान महसूस हो रही है ।" धीरे से कहा ।
मेरी हालत देखकर, "तब तो मुझे नहीं लगता कि आज तुम्हे ऑफ़िस जाना चाहिए ।" सलोनी ने मुझे ऑफ़िस जाने से मना किया ।
सलोनी की तरफ़ देखकर, "हाँ, शायद । लेकिन मे'म ?" मैंने धीरे से सवाल किया ।
मेरी बात सुनते ही, "तुम उनकी फ़िक्र मत करो । अगर तुम्हारी तबियत ठिक नहीं तो तुम आराम करो । मेड़म को मैं सँभाल लुंगी ।" सलोनी जवाब देते हुए मुस्कुराई और उस पर भरोसा करते हुए मैंने उसकी बात में सहमती दिखाई ।
सलोनी ने मेरे हाथ पर हाथ रखाकर, "ठिक है । तो फ़िर मैं चलती हूं । वरना मुझे भी देर हो जाएगी । आराम करो मैं तुमसे शाम को मिलती हूं ।" मेरी फ़िक्र करते हुए कहा और खड़ी हो गयी ।
जाते समय मेरी चिंता में पीछे पलटकर, "बाय.! टेक केयर और हाँ अगर तुम्हे कोई भी प्रोबलम हुई तो मुझे कॉल कर देना ।" सलोनी ने धीमे से कहा और मेरी सहमती पाते ही आगे बढ़ गई ।
अपने झूठ से मैंने सलोनी की चिंता कम कर दी थी । लेकिन मेरी तबियत अभी ठिक नहीं हुई थी । मुझे काफ़ी कमज़ोरी और थकान महसूस हो रही थी । मेरा सर दर्द से फटनेवाला था । इसलिए मैंने सलोनी से ज़्यादा बात नहीं की । और उसके जाते ही मैं फ़िरसे अपने बिस्तर पर लेट गई ।
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Asmbhav - The Mystery of Unknown Love (1St Edition) #YourStoryIndia
Paranormal#1 in Paranormal #1 in Ghost #1 in Indian Author #1 in Thriller #WattpadIndiaAwards2019 #RisingStarAward 2017 ये कहानी 'प्यार की ये एक कहानी' से प्रेरित ज़रूर है, लेकिन ये उससे बिल्कुल अलग है। कहते हैं कि सच्चा प्यार इंसानी शरीर से नहीं बल्कि रूह...