आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष काल में हासिल की गई उपलब्धियों के साथ भारत को परमाणु ऊर्जा संयंत्रों व अन्य वैकल्पिक साधनों का लगातार विकास करना होगा। आज के आधुनिक युग में सभी रक्षा और सुरक्षा के साधनों को आधुनिक तरीके से हासिल करना बहुत आवश्यक है।
डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम और वाईएस राज्य ने (भारत 2020) और (उसके बाद) पुस्तकों के माध्यम से भारत रक्षा और सुरक्षा के लिए तीन बातों पर बल दिया था।
पहला----- सुरक्षा बलों का आधुनिकीकरण।
दूसरा ----- रक्षा उत्पाद का स्वदेशी करण तथा,
तीसरा ------साइबर सुरक्षा के अलावा राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं, भारतीय उद्योगों के अनुसंधान, एवं विकास के साथ बौद्धिक संपदा को सावधानीपूर्वक बचाना होगा।
अंत: हमें विजन 2050 तैयार करके आधुनिक तरीके से संपन्न शक्तिशाली राष्ट्र बनाने की दिशा में काम करना होगा।
इसी कड़ी में भारत ने अपनी क्षमता बढ़ाने को 1969 में पहला परमाणु विद्युत गृह महाराष्ट्र के पालघर में स्थापित किया था। 1970 में परमाणु ऊर्जा से बिजली बनाने का कार्य शुरू हो गया था।
अटल जी के समय में बिजली उत्पादन 3.5% से अधिक रहा था। आज देश में 8 परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में 22 परमाणु रिएक्टरों की क्षमता 6. 780 मेगा वाट है।
2017 में पीएम मोदी ने 700 मेगा वाट के देसी प्रेशराइज्ड हैवी वाटर (एक लाख करोड़ लागत) की मंजूरी दी थी। अगले वर्ष 2023 में कर्नाटक में 700 मेगावाट संयंत्र की तैयारी है। परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में भारत का यह सबसे बड़ा व शक्तिशाली कदम होगा। आज पूरी दुनिया परमाणु ऊर्जा के वैकल्पिक साधनों से आगे बढ़ रही है तो भारत को भी परमाणु ऊर्जा व अन्य वैकल्पिक साधनों का लगातार विकास करना होगा।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार के समय में सौर ऊर्जा उत्पादन 11 मेगा वाट से बढ़कर सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता 52. 439 मेगा वाट हो चुकी है।
भारत हर प्रकार की रक्षा - सुरक्षा क्षेत्र तथा अन्य क्षेत्रों में अनवर आगे बढ़ने के लिए प्रयासरत है।------धर्मे
महाराष्ट्र के पालघर में स्थित विद्युत संयंत्र का फोटो ऊपर है।
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अमृत महोत्सव वर्ष
Übernatürlichesआजादी के 75 वें अमृत महोत्सव वर्ष पर (यादें) भूली बिसरी