विज्ञानी अन्नादुरई और सफल प्रक्षेपण

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आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष श्रृंखला के तहत----
इसरो के प्रख्यात विज्ञानी (मइल स्वामी अन्नादुरई) का जन्म 2 जुलाई 1958 में तमिलनाडु के कोयंबटूर में हुआ था।
1982 से यह इसरो से जुड़ गए थे, और 2008 में चंद्रयान-1 का सफल नेतृत्व करके भारत के (मून मैन) के नाम से प्रसिद्ध हो गए थे। 2013 में नासा के मंगल प्रोजेक्ट के दसवें हिस्से जितनी लागत में मंगल पर (अंतरिक्ष यान) भेजकर दुनिया को इन्होंने चौका दिया था।
2014 में दुनिया के 100 शीर्ष विचारकों में यह शामिल किए गए थे, और ये इन्नोवेटर्स की सूची में प्रथम स्थान पर रहे, 2018 में वे सेवानिवृत्त हो गए थे।

पी एस एल बी - सी का सफल प्रक्षेपण-----
इसरो ने 1 सप्ताह के भीतर 30 जून 2022 को अपने दूसरे मिशन को सफलतापूर्वक पूरा किया।
गुरुवार को सिंगापुर के 3 उपग्रहों 365 किलोग्राम के डीएसओ, 155 किलोग्राम के न्यूसर और सिंगापुर के नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी के 2. 8 किलोग्राम के स्कूब -१ के साथ सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लांच पैड ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी - सी) 53 को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित की कर दिया।
प्रक्षेपण यान ने तीनों उपग्रहों को 10 डिग्री झुकाव के साथ 570 किलोमीटर की सटीक कक्षा में स्थापित कर दिया है। प्रक्षेपण यान ने श्याम 6:02 पर उड़ान भरी, यह (पी एस एल बी) का 55 वां मिशन है।
डीएस - ईओ में इलेक्ट्रो ऑप्टिक मल्टी - स्पेक्ट्रल पोलेड होता है, जो भूमि वर्गीकरण के लिए महत्वपूर्ण रंगीन तस्वीरें भेजेगा, और मानवीय सहायता और आपदा राहत जरूरतें पूरी करेगा।।
इस से पहले 23 जून 2022 को भी एक सफल परीक्षण हो चुका है।
इसरो के वैज्ञानिकों को अनंत बधाई-----
विज्ञानी मइल अन्नादुरई तथा प्रक्षेपण की फोटो ऊपर है----धर्मे

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