विभा चौधरी भौतिक विज्ञानी

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होमी जहांगीर भाभा, विक्रम साराभाई, एमजीके मैनन जैसे विज्ञानियों के साथ काम कर चुकी थीं, विभा चौधरी। विभा चौधरी का जन्म 1913 में हुगली जिले के भंडारहाटी में हुआ था, उनके पिता वांगू बिहारी चौधरी डॉक्टर थे। वांगू बिहारी बेटियों को ऊंची शिक्षा देने में विश्वास रखते थे।
आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष श्रंखला के उपलक्ष में विभा चौधरी का उल्लेख किया जा रहा है।
विभा चौधरी ने कलकत्ता विश्वविद्यालय से पोस्टग्रेजुएट किया। उसी विभाग में डीएम बोस के साथ उसकी देखरेख में शोध करने लगीं। 1938 से 1942 तक बोस इंस्टीट्यूट में उसके साथ फोटोग्राफिक प्लेटों के उपयोग द्वारा (मेसन) की खोज पर काम किया था।
1945 में एम एस ब्लैक कैट की ब्रह्मांडीय किरणों की शोध प्रयोगशाला से जुड़ी थीं। 1948 में ब्लैक कैट को भौतिकी नोबेल पुरस्कार मिला था।
इनको एक्सप्रेसिव एयर शावर्स, एसोसिएट विद
पेनीट्रेटिंग पार्टिकल्स में पीएचडी की डिग्री मिली थी। विभा ने विल्सन क्लाउड चेंबर पद्धति कॉस्मिक किरणों तथा न्यूक्लियर फिजिक्स की खोज की थी।
होमी जहांगीर भाभा ने उन्हें मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट आफ फंडामेंटल रिसर्च से जोड़ा था, 1949 में। इससे जुड़ने वाली यह पहली महिला थीं। इंटरनेशनल एस्ट्रोनोमिकल यूनियन ने 2019 में एक तारे का नाम विभा चौधरी के नाम पर रखा था।
वह बहुत दृढ़ विश्वास वाली महिला थीं, इसीलिए वह इतना कुछ विज्ञान भौतिकी में कर पाईं थीं।
2 जून 1991 में उनका निधन हो गया था।-----
विभा चौधरी की फोटो ऊपर है-----धर्मे

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