स्वदेशी भारतीय (गगन यान) रचेगा इतिहास

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आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष के तहत-----
भारत के मानव सहित (गगनयान) भेजने की तैयारी पर एक नजर------
अमेरिका, रूस, चीन, के बाद भारत चौथा सक्षम देश बनने की ओर अग्रसर है।
इस मिशन की घोषणा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने 15 अगस्त 2018 को लाल किले से की थी।इस मिशन पर 10000 करोड रुपए लागत का अनुमान है।
गगनयान मिशन का लक्ष्य स्वदेशी (लांच व्हीकल) पर मनुष्य को पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजना, और उन्हें सकुशल सुरक्षित पृथ्वी पर वापस लाना है।
इस साल के अंत तक दो परीक्षण, पहला परीक्षण सिर्फ मानव रहित (टेस्टिंग), दूसरा एक महिला रोबोट *व्योम मित्र* को परीक्षण में अंतरिक्ष यात्री के रूप में भेजा जाएगा।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया, कि वर्ष 2023 में मिशन पूरा किया जाएगा। इस मिशन में (एच एल बी एम-३) का प्रयोग किया जाएगा।
(एच एल बी एम -3) (जीएस एल बी एम के -3) जैसा ही है,मगर व्हीकल के ऊपरी भाग में इमरजेंसी एस्केप सिस्टम तैयार किया गया है, इसलिए (जीएसएलवी मार्क) की जगह इसका ये नाम रखा गया है।
एस्केप के नीचे ओएस ----यानी (आर्बिटल माड्यूल) लगेगा। इसरो, (डीआरडीओ) और (हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड) इस मिशन की जिम्मेदारियां पूरी करने में लगे हुए हैं।जय विज्ञान ----- धर्मे
गगनयान की फोटो ऊपर है।

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