आजादी के 75 वें *अमृत महोत्सव* वर्ष के समय इस तरह की महान विभूतियों को याद करना हम देशवासियों का सौभाग्य है।
मध्यप्रदेश के उमरिया की बैगा कलाकार जोधइया बाई पद्मश्री से सम्मानित 83 साल की वृद्धा का रंगों के प्रति प्यार झलकता है उनकी बैगा पेंटिंगों से।
अनपढ़ हैं, 40 वर्ष की उम्र में उनके पति के देहान्त के बाद परेशानी में रही।आशीष सेनी से पेंटिंग सीखी।70 साल में खुद खुशहाल हुईं, परिवार पाला, तथा देश दुनिया में भी रंग भर दिया। ये अपने बच्चों और पोते- पोतियों को भी पेंटिंग सिखा रही हैं।
लंदन, अमेरिका, फ्रांस, इटली आदि कई देशों में प्रदर्शनी में इनकी पेंटिंग लग चुकी हैं। ये जनजाति संग्रहालय- मानव संग्रहालय -शांतिनिकेतन- नेशनल स्कूल आफ ड्रामा आदि में भी सम्मानित की जा चुकी हैं।
( अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस) पर रामनाथ कोविंद द्वारा पुरस्कार प्राप्त कर चुकीं हैं। (अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस) पर राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद जी द्वारा 29 महिलाओं को पुरस्कार दिए गए थे।
जोधइया बाई की फोटो व पेंटिंग ऊपर है-----धर्मे