राष्ट्रयोग

4 0 0
                                    

इतिहास साक्षी है, यदि देश का शासक और जिम्मेदार नागरिक लोभी निकले  तो देश व जनता को सर्वथा मुसिवते ही झेलनी पड़ती है और यदि शासक व जिम्मेदार नागरिक निस्वार्थी है तो राष्ट्र उन्नति व विकास की शिखार तक जाती है।

विश्व दर्शनजहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें