इस दुनिया में जो इंसान जितना ज्यादा
एडजस्ट करके चलता है उसे उतना ही ज्यादा
एडजस्ट करने के लिए मजबूर किया जाता है
रुकने वाला इंसान वजह ढूंढता है और जाने
वाला इंसान बहाने ढूंढता है कभी-कभी दर्द
इतना बढ़ जाता है की दर्द होना ही बंद हो
जाता है रिश्तो की दुनिया में हम जरा
कच्चे निकले लोग हमसे खेलते रहे और हम
रिश्ते निभाते रहे एक इंसान के कोने के दर
से मैंने कई बार अपनी सेल्फ रिस्पेक्ट हुई
है खामोश चेहरे पे हजारों पहरे होते हैं
हस्ती आंखों में भी जख्म गहरे होते हैं
जिनसे अक्सर रूथ जाते हैं हम असल में उनसे
ही रिश्ते गहरे होते हैं खो देने के बाद
ही समझ आता है की कितना तीन टी था वो समय
वो रिश्ता और वो इंसान भी आकर्षण सबके लिए
हो सकता है पर समर्पण किसी एक के लिए ही
होता है जिंदगी में एक वक्त ऐसा भी आता है
दिल से सारी ख्वाहिशें खत्म हो जाती है और
दिल कहता है की जो चल रहा है जैसा चल रहा
है बस चलने दो जरूरी नहीं हमेशा बुरे
कर्मों की वजह से ही दर्द मिले कहीं बार
हाथ से ज्यादा अच्छे होने की भी कीमत
चुकानी पड़ती है चाहे कुसूर किसी का भी हो
लेकिन प्यार में आंसू हमेशा बेकसूर के ही
रहते हैं
ओटा हुआ दिल टूटे हुए कांच की तरह खतरनाक
हो जाता है फिर ना वो किसी पर भरोसा करता
है और ना ही किसी से प्यार की उम्मीद करता
है रिश्तो में जब जिद और हम ए जाता है तब
ये दोनों जीत जाते हैं और वो रिश्ता हर
जाता है हरे कृष्णा की एक मर्यादा होती है
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विश्व दर्शन
Science Fictionइस पुस्तक का उद्देश्य केवल लोगों में ज्ञान का प्रकाश फैलाना है मनुष्य को अंधकार से निकालकर उन्हें प्रकाश की ओर ले जाना है तथा इस भूल भुलैया की जीन्दगी से लिपटे इंसान को जीवन का मूल्य समझाना है।