👉✍️संसार में अश्लीलता इस लिए बढ़ती चली जा रही है, क्योंकि अश्लीलता को दिखाने वाले लोग कम है। यही कारण है कि अश्लीलता का अनुसरण करने वाले लोग बढ़ते चले जा रहे हैं, अतएव संसार में ज्ञान का महत्व कम इसलिए हो रहा है क्योंकि ज्ञान बांटने वाले ज्ञानी अधिक हैं और ज्ञान का अनुसरन करने वाले लोग काम होते जा रहे हैं। वो कहावत तो आपने सुना ही होगा कि - आध जल गगरी छलकत जाए।जिसको देखो ज्ञान ही बांटते फिर रहे हैं, किसी भी ज्ञान को बांटने से पहले लोग को उसे अपने जीवन में उतारना चाहिए था पर लोग ऐसा न करके, केवल ज्ञान बांटने में लगे हैं। अरे भाई ये जो तुम ज्ञान बांटते फिर रहे हों न उसे तुम पहले अपने जीवन में उतारना सीख लो, किसी भी ज्ञान को जब आप पहले, अपने जीवन में उतारते हैं, तो आपके देखें आपके परिवार वाले लोग उस ज्ञान को अपने जीवन में उतारने का प्रयास करते हैं। तुम्हारे परिवार को देखा - देखी कर तुम्हारे आस - पड़ोस और समाज के विभिन्न लोग अपने जीवन में उतारने का प्रयास करते हैं। इसी तरह से देखा - देखी कर संपूर्ण मानव समाज में ज्ञान का प्रकाश फैल जाता है। और यही सही तरीका भी है, लोगों तक ज्ञान का प्रकाश फैलाने का। इसके पश्चात लोगों को सोशल मीडिया के माध्यम से ज्ञान का प्रसारण करने की कोई आवश्यकता ही नहीं होती है। यदि आप सोशल मीडिया माध्यम से खुद को बेहतर साबित करना चाहते हैं, तो समझ लीजिए कि दुनिया में आपकी गणना कहीं भी नहीं होगी। दुनिया में केवल ज्ञान बांटने वाले लोग ही रह जायेंगे। ज्ञान का अनुसरण करने वाले लोग एक भी नहीं बचेंगे। इतिहास साक्षी है, कि लोग वही करता है जो सारी दुनिया करती है।
👉✍️आजकल ये दुनिया प्यार, परिवार और पैसा इन तीन चीजों के पीछे भाग रही है। और यही तीन चीजें इंसान के दुख का सबसे बड़ा कारण भी हैं।
प्रेम:- यह एक सुन्दरतम प्रयास है। न चाहते हुए भी हर किसी को इससे गुजरना पड़ता है। इससे गुजरने के बाद ही कोई व्यक्ति आबाद या बर्बाद हो पाता है। प्रेम व्यक्ति के जीवन में एक नये आयाम को जन्म देता है। यह तय होने के बाद ही तय होता है कि व्यक्ति का आगे क्या होगा? प्यार एक सीख है, एक तहजीब है जो दुनिया की किसी किताब में नहीं मिलता।
परिवार:- खुद को जिंदा रखने का एक फार्मूला मात्र है।
धन:- ज्ञान के बाद धन ही ऐसा साधन है जिसके आगे सब कुछ समर्पित है। "पैसा" पावर और पहचान के साथ-साथ एक अच्छे नाम को भी जन्म देता है। लेकिन इतना सब कुछ हासिल करने के बाद भी अगर किसी इंसान के चेहरे पर हंसी और वो ख़ुशी नहीं दिखती जिसकी उसे चाहत है तो फिर वो क्या चाहता है? जाहिर सी बात है कि इंसान जिस चीज की तलाश में है वो ये सब चीजें नहीं है, बल्कि ये लालची इंसान अपनी इच्छाओं और अपनी जिम्मेदारियों के बोझ तले दबे इन चीजों को पूरा करने में ही अपनी जिंदगी खपा रहा है,
आख़िरकार एक दिन ऐसा आता है जब वह इस निराशाजनक जीवन को अलविदा कहने ही वाला होता है, तब उसे एहसास होता है कि दुनिया का सारा तामझाम (उपद्रव) क्यों और किसलिए है।
जिंदगी में अगर कभी फुर्सत मिले तो इन बुनियादी बातों पर थोड़ा ध्यान दीजिएगा और आपको यह जरूर एहसास होगा कि यह जिंदगी असल में सिर्फ कुछ चाहतों का मामला है और कुछ नहीं। कहने को तो सभी अपने ही हैं पर अपना कौन है ये कोई नहीं जानता।
आप पढ़ रहे हैं
विश्व दर्शन
Ciencia Ficciónइस पुस्तक का उद्देश्य केवल लोगों में ज्ञान का प्रकाश फैलाना है मनुष्य को अंधकार से निकालकर उन्हें प्रकाश की ओर ले जाना है तथा इस भूल भुलैया की जीन्दगी से लिपटे इंसान को जीवन का मूल्य समझाना है।