लोग साथ निभाने के बड़े बड़े वादे तो
करते हैं लेकिन जब हमें सच में किसी के
साथ की जरूरत होती है तो कोई सामने नहीं
आता कसमें खा लेना बहादुर कर लेना बहुत
आसान होता है पर उसे निभाना बहुत ही
मुश्किल होता है लोगों को हटाने की बात
करते हैं लोग आने जाने की बात करते हैं
हाथ मिलाना तो ठीक से नहीं जानते और दिल
मिलाने की बात करते हैं बातें करने में सब
बहुत होशियार होते हैं बड़ी-बड़ी बातें कर
जाते हैं लेकिन जब उनको प्रैक्टिकली करने
का टाइम आता है तब सब बदल जाते हैं कहने
में तो हर कोई कह देता है कि हम तेरे साथ
हैं चिंता मत कर और जब हमें सच में किसी
का साथ चाहिए रहता है
है तो हम अकेले पड़ जाते हैं और यह दुनिया
यह जिंदगी भी बड़ी अजीब है जिसके साथ कि
हमें सबसे ज्यादा जरूरत होती है वह इंसान
हमारा साथ देने से पीछे हट जाता है वही
इंसान अपने साथ के लिए हमें तड़पाता है
वही इंसान वक्त पर बदल जाता है मुकर जाता
है इससे फर्क नहीं पड़ता है कि दुनिया
हमारा साथ दे रही है या नहीं दे रही है
लेकिन अगर वह इंसान साथ छोड़ दे जिस पर
हमें सबसे ज्यादा भरोसा हो जिस पर हमें
सबसे ज्यादा विश्वास हो तो सारी दुनिया से
विश्वास हट जाता है दिल टूट कर रह जाता है
एक सवाल राजेश ने पूछा है सर जब कोई हमारी
फैमिली फ्रेंड साथ ना दें तो हमें क्या
करना चाहिए अगर कोई हमारा साथ नहीं दे रहा
है तो सबसे पहले हमें यह चेक करना चाहिए
कि वह हमारा साथ क्यों नहीं दे रहे क्या
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विश्व दर्शन
Ciencia Ficciónइस पुस्तक का उद्देश्य केवल लोगों में ज्ञान का प्रकाश फैलाना है मनुष्य को अंधकार से निकालकर उन्हें प्रकाश की ओर ले जाना है तथा इस भूल भुलैया की जीन्दगी से लिपटे इंसान को जीवन का मूल्य समझाना है।