आज हम चार सवालों पर बात करेंगे पहला
सवाल धोखा देकर कोई माफी मांगे और अगर
हमारी जिंदगी में वापस आना चाहे तो क्या
करना चाहिए दूसरा सवाल धोखा देने वाले के
साथ त्याग करना चाहिए तीसरा सवाल लड़के
धोखा देते हैं या लड़कियां चौथा सवाल है
लोग धोखा क्यों देते हैं धोखा देने के बाद
अगर कोई हम से माफी मांगता है तो उसे माफ
कर देना एक बहुत अच्छे और नेक दिल की
निशानी है लेकिन किसी से धोखा खाने के बाद
उस पर वापस पहले जैसा विश्वास करना यह
बेवकूफी की निशानी है मांस तो करना ही
चाहिए सिर्फ इसलिए नहीं कि हमारा दिल बड़ा
है मांस हमें इसी लिए करना चाहिए कि हम
उसके जैसे नहीं है कि हम उसके साथ कोई
वास्ता
लिखना चाहते हैं कोई रिश्ता नहीं रखना
चाहते हैं क्योंकि जब तक हम किसी को माफ
नहीं करते हैं ना किसी से नाराज रहते हैं
या नफरत करते हैं तो उससे हमारा एक लिंक
जुड़ा ही रहता है रिश्ता जुड़ा ही रहता है
और जब हम किसी को माफ कर देते हैं ना मन
के सारे गिले शिकवे मिटा देते हैं तो उस
इंसान से हमारा हर रिश्ता खत्म हो जाता है
और कई बार तो नफरत का रिश्ता प्यार के
रिश्ते से भी ज्यादा गहरा हो जाता है तो
माफ तो करना ही चाहिए ताकि हम उस इंसान से
खुद को आजाद कर सके माफ उसके लिए नहीं
करना है माफ हमें खुद के लिए करना है
लेकिन उसे दोबारा अपनी जिंदगी में लाना यह
आपकी सबसे बड़ी गलती होगीएक कहावत है कि
आजमाए हुए को आजमाना भूल में पाना मतलब
जिसको आप पहले ही आजमा चुके हो और उसको
फिर आजमा रहे हो इसका मतलब आप खुद अपने
मुंह में मिट्टी डाल रहे हो तो माफ
कॉल करना चाहिए लेकिन उस पर दोबारा
विश्वास कभी नहीं करना चाहिए दूसरा सवाल
यह है धोखा देने वाले के साथ क्या करना
चाहिए सबसे बेस्ट ट्रांसफर तो यह है कि
उसे पूरी तरह से हमें अपनी जिंदगी से
निकाल देना चाहिए उससे किसी भी तरह का कोई
रिश्ता नहीं रखना चाहिए ना प्यार का ना
नफरत का पहुंचे से हमारे लिए ही नहीं उसका
कोई वजूद ही नहीं है हमारी जिंदगी में और
बाकी रही सजा देने की बात तो उसके कर्म
उसको एक दिन सजा जरूर देंगे कर्म कैसे सजा
देते हैं उस पर मैंने एक वीडियो बनाई है
उसका लिंक नीचे डिस्क्रिप्शन में दे देता
हूं आप उस विडियो को देखकर समझ जाएंगे कि
किसी का किया हुआ कर्म उसका पीछा कभी नहीं
छोड़ता
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विश्व दर्शन
Science Fictionइस पुस्तक का उद्देश्य केवल लोगों में ज्ञान का प्रकाश फैलाना है मनुष्य को अंधकार से निकालकर उन्हें प्रकाश की ओर ले जाना है तथा इस भूल भुलैया की जीन्दगी से लिपटे इंसान को जीवन का मूल्य समझाना है।