आज हम दो सवालों पर चर्चा करेंगे पहला
सवाल मन के दुखी और अशांत होने का क्या
कारण दूसरा सवाल मन को खुश या और शांत
कैसे रखें वैसे तो मन के दुखी होने के
अशांत होने के बहुत सारे कारण होते हैं
लेकिन अगर आप हर कारण की गहराई में जाओगे
आप अपने हर दुख की गहराई तक जाओगे अपने मन
की परेशानियों को लेकर आप अगर गहराई से
सोचोगे तो आपको एक ही बात समझ आएगी कोई भी
इंसान क्यों ना हो उसके मन में दुख और
अशांति तभी आती है जब उसकी जिंदगी में कोई
चीज हद से ज्यादा हो जाती है हद से ज्यादा
प्यार मन में दुख और अशांति लेकर आता है
हद से ज्यादा किसी से नफरत हो जाए तो वह
मन में दुख और अशांति लेकर आता है हद से
ज्यादा
किसी इंसान को खाने की आदत हो तो उसकी
जिंदगी में दुख और शांति आ जाती है हद से
ज्यादा किसी को सोने की आदत हो तो उसकी
जिंदगी में दुख और अशांति आ जाती है हद से
ज्यादा लगाओ भी रुलाता है और हद से ज्यादा
मुंह भी रुलाता है हद से ज्यादा अच्छा ही
भी अच्छी नहीं और हद से ज्यादा बुराई भी
अच्छी नहीं हद से ज्यादा भोलापन ही अच्छा
नहीं और हद से ज्यादा चालाकी भी अच्छी
नहीं वास्तविकता में इन दोनों सवालों का
एक ही जवाब है आपकी जिंदगी में दुख और
अशांति का कारण है कि आप अपनी जिंदगी में
कुछ ऐसा कर रहे हैं जो हद से ज्यादा हो
रहा है और वही हद से ज्यादा होना आपको
दर्द दे रहा है आपकी मन को अशांत कर रहा
है तकलीफ दे रहा है और दूसरा सवाल है कि
मन को शांत और खुश कैसे रहें इसका जवाब
पहले सवाल के जवाब में ही छुपा है अगर आप
अपने मन को शांत रखना चाहते हैं खुश रखना
चाहते हैं
मैं तो जिंदगी में कुछ भी अच्छे से ज्यादा
कभी मत करना आप किसी पर हद से ज्यादा
विश्वास कर लेते हैं और फिर बाद में रोना
पड़ता है अगर इतना ज्यादा आपने विश्वास
किया ही नहीं होता तो आपको इतना दर्द
मिलता ही नहीं धोखा मिलता ही नहीं आप हद
से ज्यादा खुद को किसी पर डिपेंड कर लेते
हैं उसको किसी की आदत लगा देते हैं और
परिणाम क्या होता है आखिर में आपको दुख ही
मिलता है हद से ज्यादा अगर आप किसी से
बातें करते हैं इसी के साथ रहते हैं तो
मुंह भी हद से ज्यादा होता है और जब मोहन
से ज्यादा बढ़ जाता है तो दर्द भी आपको हद
से ज्यादा ही मिलता है मन को खुश रखने का
शांत रखने का बस यही सार है लाइफ इस ऑल
अबाउट बैलेंस की सब कुछ बैलेंस में हो
चाहे वह आपका खाना पीना हो आपका सोना हो
आपका किसी से लगाव हो और आपका किसी से दूर
रहना हो इससे ज्यादा दूर रहोगे ना
ऐसा ही टूट जाएगा और अगर किसी के हाथ से
ज्यादा करीब आ जाओगे तो उस रिश्ते का दम
घुटने लगता है उस रिश्ते में बंध बनाने
लगते हैं एक दूसरे को लोग कंट्रोल करने
लगते हैं बांधने लगते हैं सारी बातों का
सार यही है कि आप सब कुछ करो लेकिन एक
लिमिट में अगर कोई इंसान सारा दिन बैठकर
भक्ति ही कर रहा है मैं अपने परिवार को
संभाल रहा है ना अपनी पत्नी को ना अपने
बच्चों को संभाल रहा है वह कह रहा है कि
हम इशारा चिन भक्ति करूंगा अच्छी बात है
करो बुराई नहीं है पर हर चीज की लिमिट
होना जरूरी है वह इंसान अगर सारा दिन
ध्यान भी करता रहे तो वह भी गलत है और अगर
कोई इंसान अध्यात्म इससे हद से ज्यादा दूर
चला जाए तो वह भी गलत है सारा दिन अगर
अपने दोस्तों के साथ उनका रहे तो वह भी
गलत है और सारा दिन अपने आपको एक कमरे में
बंद कर ले तो वह भी गलत है हर बार एक टाइम
पर ही अच्छी लगती है ना 24 घंटे शांति
अच्छी लगती है ना 24 घंटे शोर अच्छा लगता
है
कि बच्चे जब सारा दिन tv देखते रहते हैं
तो उनके माता-पिता को बहुत चिंता हो जाती
है परेशान हो जाते हैं कि हमारे बच्चे
सारा दिन tv देखते हैं अब टीवी देखना कोई
बुरी बात नहीं है पर अगर कोई सारा दिन tv
देख लें तो वह एक बुराई बन जाती है
वास्तविकता यह है कि आपने अपने दुख और
अपने मन की अशांति खुद ही खरीद की है आ ही
असली कारण है आ ही हर चीज एक्सेस कर जाते
हैं प्यार करेंगे तो वह भी सबसे ज्यादा पर
वहां करेंगे तो वह भी हद से ज्यादा
विश्वास करेंगे तो वह भी अच्छे साधा और
फिर जब रोएंगे वह भी हद से ज्यादा को
इंसान अगर हफ्ते ज्यादा गुस्सा करता है तो
उससे उस से दूर भाग जाते हैं और किसी
इंसान को अगर बिल्कुल भी गुस्सा नहीं आता
तो सब उसकी मजाक उड़ाते हैं जिंदगी के हर
कदम पर बैलेंस रखना बहुत जरूरी है वह
महात्मा बुद्ध की यह कहानी सुनी की वीणा
के तार अगर बहुत ज्यादा कस लो तो भी उस पर
संगीत पैदा नहीं होता और
बिलकुल ही छोड़ दो तो भी उसमें संगीत पैदा
नहीं होता इसीलिए जीवन में बैलेंस रखना
बहुत जरूरी है अब कई लोगों को देखो तो
सारा दिन मोबाइल चलाते रहेंगे रात को देर
तक मोबाइल चलाते रहेंगे तो नींद कहां से
आएगी बेचैनी जिंदगी में आएगी या नहीं आएगी
आज के समय में मोबाइल बहुत काम की चीज है
पर उसकी कोई लिमिट होनी चाहिए या नहीं घर
में काम पड़ा है बर मोबाइल चलाना है बच्चे
पढ़ाई छोड़कर मोबाइल में सारा ध्यान लगा
रहे हैं और फिर कहते हैं कि पढ़ाई में मन
नहीं लगता अरे कहां से लगेगा का पढ़ाई में
मन इतना ज्यादा आपने खुद को एडिट बना लिया
है इन गैजेट्स का मोबाइल का तो कहां से
पढ़ाई में मन लगेगा आप बैलेंस रखना अपने
आपको उतना ही मोबाइल को यूज करो जितना वह
आपके काम है किसी से दूरी भी बनानी होना
तो बैलेंस में बनाओ किसी के करीब भी जाना
हो तो बैलेंस में जाओ सोना है तो बैलेंस
में सो अगर ज्यादा है तो बैलेंस में जागो
था
अपने तो बैलेंस में खाओ और अगर भूखा रहना
है तो वह भी बैलेंस में रहो काम करना है
तो वह भी बैलेंस में रहो और अगर आराम कर
रहा है तो वह भी बैलेंस में रहो जो इंसान
जिंदगी में हर बात को बैलेंस करना सीख गया
ना अपनी जिम्मेदारियों के बीच अपने काम के
बीच अपने पढ़ाई के बीच खेलकूद के बीच
संगीत के बीच कला के बीच बस वही निशान आज
के समय में शांत और खुश रह सकता है जिस
इंसान की लाइफ में लिमिट नहीं है बैलेंस
नहीं है वह कभी खुश और शांत नहीं हो सकता
इतना भी जादा खर्चा मत करो कि कर्जे में
डूब जाओ और कितनी भी ज्यादा कंजूस मत बनो
कि हर चीज के लिए बस तरसते रहो पैसे ही
बजाते रहो अगर आप हमेशा खुश और शांत रहना
चाहते हो तो हद से ज्यादा जिंदगी में कभी
कुछ मत करना
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विश्व दर्शन
Science Fictionइस पुस्तक का उद्देश्य केवल लोगों में ज्ञान का प्रकाश फैलाना है मनुष्य को अंधकार से निकालकर उन्हें प्रकाश की ओर ले जाना है तथा इस भूल भुलैया की जीन्दगी से लिपटे इंसान को जीवन का मूल्य समझाना है।