कभी कभी ऐसे भी हालात आ जाते हैं
जिंदगी में चाहे जितने भी लोग हमारे आसपास
हो पर वह हमारे अकेलेपन को हमारी तन्हाई
को दूर नहीं कर पाते और कभी तो जिंदगी में
ऐसे लोग आ जाते हैं जो आ करके हमें और भी
तनहा कर जाते हैं जिनकी वजह से हम और भी
अकेले हो जाते हैं हमारे आसपास कितनी भीड़
मौजूद है कितने लोग हैं पर किसी इंसान से
पूछो कि तुम कैसा महसूस करते हो तो अधिकतर
इंसान यही कहते हैं कि हम बहुत अकेला
महसूस करते हैं आपको यह कमाल नहीं लगता कि
कितने लोग हमारी जिंदगी में होते हैं उसके
बाद हुई हर इंसान आखिर अकेला क्यों है
इतना तनहाई क्यू है
में बहुत सारे लोगों ने अपनी प्रश्न भेजें
चंद्रशेखर ने पूछा है सर मेरा आपसे एक
जरूरी सवाल है मेरा रिश्ता कितनी बार टूट
गया है कि अब हम जिंदगी में अकेले रह
जाएंगे इस बात का डर सताता हैसर जिंदगी
भर अकेले कैसे रहें इस पर कोई सुझाव जरूर
दें सबसे पहले तो आप एक सच्चाई जान लोग
यहां पर हर इंसान अकेला है हम दुनिया में
अकेले आते हैं और अकेले ही जाते हैं
दुनिया का कोई भी रिश्ता कोई भी नाता न
हमारे जन्म के साथ आया था और ना हमारी
मृत्यु तक रहता है तभी तो इस संसार को
धर्मशाला कहा गया है कि हर इंसान यहां आता
है और अपनी यात्रा करके अपने अंदर की
शांति को प्राप्त करके इस दुनिया से चला
जाता है हमेशा कोई किसी के साथ नहीं रह
सकता बचपन में मां बाप मिलते हैं थोड़े से
बड़े हो
तो दोस्तों मिलते हैं जवान होते हैं तो
पत्नी पति मिलते हैं थोड़े और बड़े होते
हैं तो बच्चे मिलते हैं हमारी जिंदगी में
रिश्ते बदलते जाते हैं लोग बदलते जाते हैं
पर कहीं ना कहीं वह अकेलापन हमारे जन्म से
लेकर मृत्यु तक हमारे साथ ही रहता है बस
दुनिया से इन दिशाओं में हम उस अकेलेपन को
भूल जाते हैं एक काम का होना कोई खराब बात
नहीं है एकांत तो ऐसा शब्द है जहां एक में
ही सारे दुखों का अंत हो जाता है सारी
समस्याओं का अंत हो जाता है उसे ही एकांत
कहते हैं लेकिन यह जो तन्हा होना है ना यह
जो आपको अकेलापन परेशान करता है यह लोगों
की वजह से नहीं है यह इसीलिए है क्योंकि
आप खुद से खुश नहीं है आप अंदर से भरे हुए
नहीं है आप अंदर से खाली हैं और जब तक कोई
इंसान ध्यान से नहीं जुड़ता अपनी आत्मा से
नहीं जुड़ता अपनी चेतना से अपनी शक्तियों
से नहीं जुड़ता हो
तरह की ला रहे चाहे हजार लोगों के बीच में
रहे उसका अकेलापन कभी नहीं जा सकता आपका
सवाल है कि अकेले कैसे रहना है अकेला तो
हर इंसान है ही बस आप खुद ने दोस्ती कर लो
खुद के साथ जुड़ जाओ कुछ से प्यार कर लो
तो आपको कभी किसी की जरूरत नहीं पड़ेगी
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विश्व दर्शन
Научная фантастикаइस पुस्तक का उद्देश्य केवल लोगों में ज्ञान का प्रकाश फैलाना है मनुष्य को अंधकार से निकालकर उन्हें प्रकाश की ओर ले जाना है तथा इस भूल भुलैया की जीन्दगी से लिपटे इंसान को जीवन का मूल्य समझाना है।