कर्म योग बातें

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जो लोग बुद्धिजीवी और ज्ञानी होते हैं उनके अंदर दो प्रकार के मनुष्य पाए जाते हैं एक साधुत्व वाले दूसरे दुष्ट प्रवृत्ति वाले मनुष्य पाए जाते हैं ये बातें केवल उस महान इंसान पर ही लागू होता है कि वह इंसान किस प्रवृत्ति को ज्यादा प्रोत्साहित और आकर्षित करता है जिसकी खातिरदारी और प्रलोभन ज्यादा होगी आगे चलकर वह व्यक्ति वैसा ही सिद्ध होगा।

कर्म यदि अच्छे हो तो किस्मत आपका दासी है। नियति स्पष्ट हो तो घर परिवार ही मथुरा काशी है। मन में दुःख और क्लेश न हो तो संसार के समस्त अबिय्व एक ही धरातल के प्रवासी हैं। जिसके हृदय में प्रेम और उदारता का बास हो, उसके लिए संसार का प्रत्येक प्राणी उसके अपने ही अनुआई है। यह संसार एक परिवार है, यहाँ हर जीवन कर्म बंधनों को निभाने वाला एक पथिक मात्र है।

अगर किसी ने भलाई के काम में दखल देने की कोशिश की तो मैं मानवता की भलाई के लिए और राष्ट्र हित के लिए लहरों की कश्ती पर सवार होकर हर सीमा को लांघ जाऊंगा।  परिणाम चाहे जो भी हो, राष्ट्रहित की सेवा के लिए प्रस्तुत हूं मैं,  क्योंकि आज नहीं तो कल हम सभी को किसी न किसी रूप में मरना ही है, तो क्यों न हम अन्याय का विरोध करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दे।

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