अकेले रहने की आदत डालो

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मैं जितना लोगों को समझता गया अकेलापन और

भी अच्छा लगता गया कुछ रास्तों पर आपको

अकेले ही चलना पड़ता है ना कोई परिवार एन

कोई दोस्त और ना ही कोई साथी बस आप और

आपके हिम्मत खत्म हो गए उन लोगों से भी

रिश्ते

मिलकर ये लगता था यह उम्र भर साथ देंगे

अहंकार चाहे किसी भी चीज का हो

सर्वनाश करके ही छोड़ता है हम खुद से गिरे

द कुछ से ही उठेंगे अब ना किसी का हाथ

चाहिए और ना किसी का साथ चाहिए सांसों का

टूट जाना तो बहुत छोटी सी बात है जब हमारे

अपने ही हमारा साथ छोड़ देते हैं मौत तो

उसे कहते हैं कभी-कभी छोटी-छोटी बातें भी

मैन को शांत कर देती है जैसे की भाड़ में

जाए सब जलने वालों की दुआओं से ही सारी

बरकत है वर्ण अपना कहने वाले तो याद भी

नहीं करते सो जाइए सब तकलीफों को सिरहाने

क्योंकि सुबह उठाते ही उन्हें फिर से गले

लगाना है हद से ज्यादा समझदारी जिंदगी को

बेरंग कर देती है कौन कहता है की यादें

हमेशा अपनों की ही आती है गैर भी याद आते

हैं जब उनसे दिल जुड़ जाता है डैन करने से

धन तो जाता है पर लक्ष्मी नहीं जाती इसी

की तलाश में कभी मत निकलना क्योंकि लोग खो

नहीं जाते बदल जाते हैं इसी दूसरे का दिल

दुख कर अपने लिए खुशियों की उम्मीद कभी मत

करना जो आपको भूल गए हैं उन्हें भूल जाने

दो उसे सब आपको याद करेंगे बस उनके मतलब

के दिन आने दो लैला अब नहीं थामती किसी

बेरोजगार का हाथ मजनू को अगर इश्क है तो

पहले कामना सिख ले इंसान टूट कर बिखर ही

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