एक ने सवाल पूछा है सर वैसे तो मैं
इंटरनली बहुत स्ट्रॉन्ग होम अपने आप से
प्यार करता हूं अपने आप ट्रस्ट करता हूं
फिर भी कभी-कभी मुझे लोनी ने इस अकेलापन
फील होता है और उस टाइम मैं खुद को हर
करने लगता हूं इसका क्या इलाज है सुनो
अवधि पहले तो आप यह समझो कि इंटरनली
स्ट्रोंग हो ना कर सकते हैं इंटरनल ईएस
फ्रॉम होने का मतलब यह है कि आप भावनात्मक
रूप से बहुत मजबूत हैं आप इमोशनली और
मेंटली बहुत मजबूत इंसान है और जो इंसान
इंटरनली स्ट्रांग होता है उससे लोनलीनेस
महसूस नहीं होती वह इंसान खुद को ऐसे हर्ट
नहीं करता है इंटरनल स्ट्रांग होने का यह
मतलब है कि अकेलापन खालीपन उदासी और
मायूसी इन सारी बातों को
अपने विचारों में अपनी भावनाओं में जगह ही
नहीं देते सबसे पहले तो आप यह समझो कि आप
इंटरनली स्ट्रांग नहीं हो क्योंकि जो
इंसान इंटरनल स्ट्रांग होता है वह खुद को
भी बहुत अच्छे से समझ सकता है अपने परिवार
को भी बहुत अच्छे से समझ सकता है और अपने
आसपास की दुनिया को अपने दोस्तों को उस
सबको बहुत अच्छी से संभाल सकता है उसकी
जिंदगी में परिस्थिति चाहे कैसी भी आए पर
वह हमेशा हर परिस्थिति में पॉजिटिव और खुश
रहता है उसके अंदर कोई कमी या खालीपन नहीं
होता है कोई मायूसी होते ही नहीं है
क्योंकि वह अपने विचारों में बहुत खुश
होता है
और अगर कोई इंसान खुद को इमोशनली
और मेंटली स्ट्रांग बनाना चाहता है तो
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विश्व दर्शन
خيال علميइस पुस्तक का उद्देश्य केवल लोगों में ज्ञान का प्रकाश फैलाना है मनुष्य को अंधकार से निकालकर उन्हें प्रकाश की ओर ले जाना है तथा इस भूल भुलैया की जीन्दगी से लिपटे इंसान को जीवन का मूल्य समझाना है।