जिस राह पर चलते-चलते हमने अपना जीवन गुजार दिया ना जाने कैसे तुमने दो कदम में उस राह पर मंजिल पाली,
जिस आसमान को छूने को मैंने एक उम्र लगा दी ना जाने कैसे तुमने एक उड़ान में उसे पा लिया,
जिस चांद की चाह में चकोर ने सौ जन्म ले लिए ना जाने कैसे तुमने उसे रोहिणी बन एक नज़र में पा लिया,
जैसे भी किया जो भी किया किस्मत से किया या किस्मत ने किया जादू सा किया ,
जादू सा किया।
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सिला-ए-दिलगि
Poetryलोग दिल से दिल लगा लेते है , सिला-ए-दिलागी में कई ज़ख्म दिल में पा लेते है, उसी दिलागी के कुछ पैगाम सुनो, मैने जो देखा उसका आंखों देखा सियाहीदा अंजाम सुनो, ये इश्कनाशी दिलगि का बेवफाई भरा अंजाम सुनो। so, namaste and hello I know I should translate t...