मेरे चाँद

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काले मेघा सी घटाएं मेरे चाँद की सूरत को रात सा घेरे रहती है,

सूर्मनाशी आंखे मेरे चाँद की अक्सर हर खुशी हर गम का पैमाना तय करती रहती है,

सुर्ख लाल-गुलाबी गाल मेरे चाँद के इस तारे की गुस्ताखी का राज़ बायां करते रहते है,

गजरे से महकी मेरे चाँद की घटाए अक्सर बारिश की रैना में महकी मदहोश मिट्टी से महकते रहते है,

ढलती सुबह और चढ़ती रैना के रंग में मेरे चाँद अक्सर तारो के दिल पर केहर ढाते रहते है,

हाय! मेरे चाँद की बलाएं लो उसके रूप को रात का टीका भी कम रहता है।

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