वो हम से अक्सर ये पूछा करते है की हम जन्नत से उतर कर अक्सर जहानुम को याद क्यों किया करते हैं,
हमने कहा की अक्सर जन्नत के फरिश्ते जेहेनुम की आग में जलने वालों की मोहोब्बत में जल जाया करते है,
ये तो हमारी खुशकिस्मती है जो हमे आपके सीने में उस रब ने थोड़ी सी पन्हा दी वरना हम जैसों को ये दुनिया अक्सर फनहा कर दिया करती है,
हम जैसे इश्क़ में जहां लुटानेवालो को ये जहां-ए-खुदगर्ज के लोग अक्सर बर्बाद कर दिया करते है,
जिनसे इश्क़ होता हैं वो ही हमारी रूह को भी नीलाम कर देते है और वो ही तन्हा छोर तबाह कर दिया करते है,
वो ही बेसहारा और लाचार भी कर दिया करते हैं।
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सिला-ए-दिलगि
Poetryलोग दिल से दिल लगा लेते है , सिला-ए-दिलागी में कई ज़ख्म दिल में पा लेते है, उसी दिलागी के कुछ पैगाम सुनो, मैने जो देखा उसका आंखों देखा सियाहीदा अंजाम सुनो, ये इश्कनाशी दिलगि का बेवफाई भरा अंजाम सुनो। so, namaste and hello I know I should translate t...