इंतज़ार ओ इंतज़ार क्या तेरा कोई आगाज़ या अंजाम है या तू भी भटकता है तुझ में खोई एक रुह की तरह,
इंतज़ार ओ इंतज़ार क्या तू मुकमल हुआ है कभी या तेरी किस्मत में भी बस आंखों की नमी है,
इंतज़ार ओ इंतज़ार बता किसका है तुझको इंतज़ार या तेरा जवाब भी हरजाई इश्क है,
इंतज़ार ओ इंतज़ार क्या तेरा इरादा भी वक्त में थमने का है या अब वक्त से तू विदा लेगा,
इंतज़ार ओ इंतज़ार ये बता तेरी उमर कितनी है या उसका भी जवाब तेरे पास नही ,
इंतज़ार ओ इंतज़ार थम जा यार अब बस रुक जा ना प्यार क्योंकि अब नही होता सहन मुझ से ये इंतज़ार।
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सिला-ए-दिलगि
Poetryलोग दिल से दिल लगा लेते है , सिला-ए-दिलागी में कई ज़ख्म दिल में पा लेते है, उसी दिलागी के कुछ पैगाम सुनो, मैने जो देखा उसका आंखों देखा सियाहीदा अंजाम सुनो, ये इश्कनाशी दिलगि का बेवफाई भरा अंजाम सुनो। so, namaste and hello I know I should translate t...