वो आखरी सांस भी क्या हसीन थी,
वो प्यार की राह भी क्या हसीन थी,वो आखिरी बार उनकी आवाज़ का हमारे कानों में गूंजना उनकी आवाज़ भी क्या हसीन थी,
वो ज़िन्दगी के अंजाम की बेला तुम्हारे साथ वो बेला भी क्या हसीन थी,
वो शाम भी क्या हसीन थी,
वो बातें भी क्या हसीन थी,वो उनसे हुई इश्क़ की अधूरी दास्तान वो दास्तान भी क्या हसीन थी,
वो उनसे मिली उम्रभर की कड़वाहट वो कड़वाहट भी क्या हसीन थी,
वो आखरी सांस भी क्या हसीन थी,
वो उनके लबों से निकली बात भी क्या हसीन थी,
वो दिलों से होने वाली दिलों की बात भी क्या हसीन थी,वो उनके साथ गुजारे कुछ लम्हों की मुलाकात भी क्या हसीन थी,
वो आखिरी सांस भी क्या हसीन थी,
वो मेरे यार से हुई आखिरी बात भी क्या हसीन थी।
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सिला-ए-दिलगि
Poetryलोग दिल से दिल लगा लेते है , सिला-ए-दिलागी में कई ज़ख्म दिल में पा लेते है, उसी दिलागी के कुछ पैगाम सुनो, मैने जो देखा उसका आंखों देखा सियाहीदा अंजाम सुनो, ये इश्कनाशी दिलगि का बेवफाई भरा अंजाम सुनो। so, namaste and hello I know I should translate t...