उस से

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उस से मिलना भी ज़रूरी था,
उसका मिलकर ना मिलना भी लाज़मी था,

उसका इस बैरंग की ज़िंदगी में रंग भरना भी ज़रूरी था,
उसका इस ज़िन्दगी से रंग चुराना भी लाज़मी था,

उसका होना भी ज़रूरी था,
उसका मेरा होकर ना होना भी लाज़मी था,

उस पल को जीना भी ज़रूरी था,
उस पल को सीने में दफ़न करना भी लाज़मी था,

उस से निघाहे मिलना भी ज़रूरी था,
उसका निघाओं को चुराना भी लाज़मी था,

उस से दिल लगाना भी ज़रूरी था,
उसका दिल को तोड़ जाना भी लाज़मी था,

उस से मोहब्ब्त का होना भी ज़रूरी था,
उसका सिला ना मिलना भी लाज़मी था,

उसका मिलना भी ज़रूरी था,
उसका मिलकर बिछड़ना भी लाज़मी था,

उसका मेरा ना होना भी जरूरी था,
उससे बस दर्द मिलना भी लाज़मी था।

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