तुझ से प्यार

92 10 7
                                    

तेरा दीदार मानो खुदा हो जैसे,
तेरी सीरत मानो नूर-ए-अफताब हो जैसे,

तेरी सूरत मानो चंद्र की चंदीरक हो जैसे,
तेरी चाहत मानो अंधेरे में जलती शमा हो जैसे,

तेरी ये अदाएं देख तुझ से प्यार नहीं तो क्या होता,
तुझ पर ऐतबार नही तो क्या होता?

सिला-ए-दिलगि जहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें